Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

यह नुकसान प्रति व्यक्ति 40 हजार रुपये से अधिक है

यह नुकसान प्रति व्यक्ति 40 हजार रुपये से अधिक है
, मंगलवार, 12 जून 2018 (11:04 IST)
हिंसा को रोकना न सिर्फ देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए अहम है, बल्कि इसके आर्थिक फायदे भी होते हैं। ऑस्ट्रेलियाई संस्था आईईपी के आंकड़ों मुताबिक हिंसा से 2017 के दौरान भारत को जीडीपी के 9 फीसदी के बराबर नुकसान हुआ है।
 
 
भारत में विरोध प्रदर्शन के नाम पर होने वाली हिंसा और झड़प देश की अर्थव्यस्था को धीरे-धीरे कुरेद रही है। इंस्टीट्यूट ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पीस (आईईपी) ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि हिंसा से निपटने में भारत को तकरीबन 80 लाख करोड़ रुपये खर्च करने पड़े हैं। यह आकलन भारतीयों की क्रय शक्ति के आधार पर तय किया गया है। कुल मिलाकर यह नुकसान देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 9 फीसदी है और प्रति व्यक्ति के हिसाब से करीब 40 हजार रुपए (595।40 डॉलर) से अधिक है।
 
 
आईईपी ने 163 देशों के आंकड़ों का अध्ययन कर यह रिपोर्ट तैयार की है। इसमें भारत को 59वें पायदान पर रखा गया है। इस अध्ययन के मुताबिक हिंसा के चलते वैश्विक अर्थव्यवस्था को 14।76 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।
 
 
यह वैश्विक जीडीपी का 12.4 फीसदी है. जो प्रति व्यक्ति के आधार पर 1988 डॉलर बैठता है। इस आकलन में हिंसा से पड़े प्रत्यक्ष, अप्रत्यक्ष प्रभावों समेत अन्य आर्थिक कारकों और उनके प्रभावों को भी शामिल किया गया है। रिपोर्ट में कहा गया, "2017 के दौरान हिंसा का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर पिछले दशक के किसी भी अन्य साल से अधिक रहा है।"
 
 
आईईपी ने भारत को अमेरिका समेत दुनिया के 50 सबसे अशांत देशों की सूची में रखा है। इसके अलावा पाकिस्तान, अफगानिस्तान, तुर्की, सऊदी अरब और रूस को भी सबसे अशांत कहा गया है। स्टडी के मुताबिक पिछले एक दशक में हिंसा से होने वाला आर्थिक नुकसान दो फीसदी तक बढ़ा है।
 
 
इसका एक बड़ा कारण चीन, रूस, दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों द्वारा आंतरिक सुरक्षा में किए जाने वाले बड़े खर्च को बताया गया है। वहीं 2012 के बाद हिंसा के चलते आर्थिक नुकसान 16 फीसदी तक बढ़ा है।
 
 
सबसे ज्यादा और कम
सीरिया के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में नुकसान का हिस्सा 68 फीसदी रहा है, जो सबसे खराब है। इसके बाद 63 प्रतिशत के साथ अफगानिस्तान और 51 प्रतिशत के साथ इराक का स्थान है। हिंसा ने जिस देश को सबसे कम नुकसान पहुंचाया है वह है स्विट्जरलैंड। इसके बाद इंडोनेशिया और बुरकिना फासो का नंबर आता है।
 
 
रिपोर्ट अपूर्वा अग्रवाल

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

चंद हज़ार रुपयों से अरबपति बनने वाली केंड्रा की कहानी