Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

कतर के लिए आत्मघाती गोल बनता फुटबॉल वर्ल्ड कप, देश की छवि पर लग रहा बट्टा

कतर के लिए आत्मघाती गोल बनता फुटबॉल वर्ल्ड कप, देश की छवि पर लग रहा बट्टा

DW

, शुक्रवार, 18 नवंबर 2022 (09:17 IST)
फुटबॉल वर्ल्ड कप कवर करने के लिए सैकड़ों विदेशी पत्रकार कतर पहुंच रहे हैं और प्रचार के नीचे दबी कड़वी सच्चाई को बाहर ला रहे हैं। फुटबॉल वर्ल्ड कप शुरू होने से ठीक पहले कतर में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जो देश की छवि पर बट्टा लगा रहे हैं।
 
विदेशी मजदूरों की मौत, श्रम कानून और समलैंगिकों के प्रति घृणा की वजह से पहले ही खूब किरकिरी झेल रहे कतर में अब डेनमार्क के टीवी पत्रकार से बदसलूकी का मामला सामने आया है। मंगलवार को दोहा से सीधे प्रसारण के दौरान डेनमार्क के TV2 चैनल की लाइन कवरेज को बीच में रोक दिया गया।
 
TV2 के रिपोर्टर रासमुस ट्रांटहोल्ट जब लाइव कर रहे थे तभी 3 लोग उनके पास पहुंचे और उन्होंने कैमरा लैंस को ब्लॉक करने की कोशिश की। इस दौरान रिपोर्टर और उन लोगों के बीच बहस भी हुई। इस दौरान ट्रांटहोल्ट कह रहे थे कि आपने पूरी दुनिया को यहां आमंत्रित किया है, हम यहां शूटिंग क्यों नहीं कर सकते हैं? यह एक सार्वजनिक जगह है। आप कैमरा तोड़ सकते हैं, क्या आप इसे तोड़ना चाहते हैं? आप कैमरा तोड़कर हमें धमकी दे रहे हैं?
 
यह वीडियो बहुत सारे लोगों ने देखा। वर्ल्ड कप शुरू होने से ठीक 5 दिन पहले हुई इस घटना ने दिखा दिया कि कतर प्रेस की आजादी के मामले में कितना उदार है। वीडियो वायरल होने के बाद वर्ल्ड कप के आयोजक हरकत में आए और उन्होंने डेनमार्क के टीवी चैनल ने माफी मांगी।
 
कतर की सुप्रीम कमेटी फॉर डिलीवरी एंड लीगेसी ने एक बयान जारी कर कहा कि TV2 चैनल के पत्रकारों को 'गलती से बाधा पहुंचाई' गई। आयोजकों ने अपने बयान में कहा कि क्रू के वैध टूर्नामेंट पास और फिल्मिंग परमिट की जांच के बाद, प्रसारक से मौके पर मौजूद सुरक्षाकर्मियों ने माफी मांगी।
 
डेनमार्क का फुटबॉल संघ कतर का मुखर आलोचक है। संघ मजदूरों के अधिकारों और काम करने की परिस्थितियों को लेकर कतर की आलोचना कर चुका है। कतर पहुंची डेनमार्क की टीम अपनी जर्सी के जरिए भी कतर में श्रम अधिकारों का मुद्दा उठाएगी। डैनिश फुटबॉल संघ के मुताबिक मैच के दौरान अपनी टीम के माध्यम से विरोध जताने के लिए उसके पास कई तरीके हैं। ग्रुप 'डी' में शामिल डेनमार्क को फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया और ट्यूनीशिया से मैच खेलने हैं।
 
कतर के फर्जी फैंस
 
वर्ल्ड कप के आयोजकों को दिग्गज देशों की जर्सी वाले फर्जी प्रशंसकों की वजह से भी शर्मिंदा होना पड़ रहा है। भारत और अन्य दक्षिण एशियाई देशों के हजारों लोगों को आयोजकों ने अर्जेंटीना, ब्राजील और इंग्लैंड की जर्सी पहनाई। आयोजक ये दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि विदेशों से भारी संख्या में लोग वर्ल्ड कप देखने कतर पहुंच रहे हैं और मेहमानों को खूब मजा भी आ रहा है।
 
कई भारतीय, इंग्लैंड की जर्सी में थे। उनके हाथ में इंग्लैंड का झंडा था और वे ढोल और बाजे बजा रहे थे। लेकिन सोशल मीडिया पर कई पत्रकारों और कमेंटेटरों ने पूछा कि क्या ये असली प्रशंसक हैं? इसके बाद सोशल मीडिया पर 'फेक फैंस' टैग भी चलने लगा। आयोजकों ने इस फैसले का बचाव किया है। साथ ही भारतीय फैंस ने भी इन आरोपों पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि वे तो बस खेल के दीवाने हैं।
 
खेल के नाम पर धूल झोंकना
 
हाल ही में यूरोप में हुए एक आयोजन में नॉर्वे सॉकर फेडरेशन के प्रेसीडेंट लिजे क्लावेनेस ने कहा कि कतर के वर्ल्ड कप ने फुटबॉल में खेल के नाम पर आंखों में धूल झोंकने और मानवाधिकारों की बहस छेड़ दी है। ये हमारे लिए एक कड़ी सीख है। यूरोपीय फुटबॉल संघ और फीफा में शीर्ष पदों पर रह चुके कुछ अधिकारियों ने भी स्वीकार किया है कि 2010 में कतर को वर्ल्ड कप की मेजबानी देना एक बड़ी गलती थी।
 
जर्मनी की गृहमंत्री नैंसी फाइजर ने कुछ ही दिन पहले कतर की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसी श्रेणियां हैं, जो होनी चाहिए और फिर ऐसे देशों को मौका नहीं देना ही बेहतर है। इस बयान के बाद कतर और जर्मनी के बीच कूटनीतिक तनाव भी पैदा हुआ। इन आलोचनाओं के बीच जर्मनी में बड़ी स्क्रीन पर फुटबॉल मैच दिखाने वाले स्पोर्ट्स क्लबों के संघ ने भी वर्ल्ड कप के बहिष्कार का ऐलान कर दिया है।
 
220 अरब डॉलर के खर्चे के बाद आखिरी लम्हों में आलोचनाओं की बाढ़ से कतर परेशान हो रहा है। छवि चमकाने की तमाम कोशिशें बैकफायर करती नजर आ रही हैं। कतर के शीर्ष नेता शेख तमीम बिन हमाद अल थानी ने आरोप लगाया कि 'इतिहास में किसी मेजबान देश ने ऐसे अभूतपूर्व (विरोध) अभियान का सामना नहीं किया है।'
 
मजदूरों से मिलेगी डच टीम
 
फुटबॉल वर्ल्ड कप के बहिष्कार की बढ़ती मांग के बीच नीदरलैंड्स के कोच लुईस फान गाल का भी बयान आया है। फान गाल ने कहा कि सपोर्टरों को कतर वर्ल्ड कप का बहिष्कार करने का पूरा अधिकार है। डच कोच के मुताबिक वे चाहेंगे कि उनकी टीम बढ़िया प्रदर्शन करे और फैंस टीवी पर इसे देखें।
 
नीदरलैंड्स के फुटबॉल संघ और टीम के कोच फान गाल ने फीफा अध्यक्ष जियानी इनफांटिनो की भी आलोचना की है। इनफांटिनो का कहना है कि देशों को टूर्नामेंट के दौरान अन्य मु्द्दों के बजाए फुटबॉल पर फोकस करना चाहिए। बतौर कोच अपना आखिरी वर्ल्ड कप खेल रहे फान गाल अपनी टीम के साथ गुरुवार को कतर में विदेशी मजदूरों से मिलने जा रहे हैं। इस मुलाकात से पहले 71 साल के कोच ने कहा कि कि 'मुझे लगता है कि आपको फुटबॉल खेलने वाले देशों में ही खेलना चाहिए। उन्हें इससे जुड़ी हर चीज का ज्यादा अनुभव होता है।'
 
-ओएसजे एनआर (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)
 
Edited by: Ravindra Gupta

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

विक्रम एसः भारत का पहला निजी रॉकेट चला अंतरिक्ष की ओर, नए युग की शुरुआत