Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

महामारी के दौर में फेक न्यूज की बाढ़

Webdunia
गुरुवार, 9 अप्रैल 2020 (09:09 IST)
रिपोर्ट आमिर अंसारी
 
कोरोना वायरस को लेकर इस वक्त सोशल मीडिया पर भ्रामक और फर्जी खबरों की बाढ़-सी आ गई है। चैटिंग एप व्हॉट्सएप पर तो लोग बिना पुष्टि किए ही संदेश को आगे बढ़ा दे रहे हैं। हालांकि बाद में वे संदेश झूठे साबित होते हैं।
 
पिछले दिनों भारत में जारी तालाबंदी को लेकर एक पोस्ट सोशल मीडिया और व्हॉट्सएप पर बहुत तेजी से वायरल हुई। जिसमें दावा किया गया कि भारत में तालाबंदी विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के लॉकडाउन प्रोटोकॉल के मुताबिक की गई है।
ALSO READ: रिसर्च का दावा, फेक न्यूज से बढ़ सकता है महामारी का प्रकोप
मैसेज में कहा गया कि 20 अप्रैल से 18 मई के बीच तीसरा चरण लागू होगा। इस मैसेज में दावा किया गया कि डब्ल्यूएचओ ने लॉकडाउन की अवधि को 4 चरणों में बांटा है और भारत भी इसका अनुसरण कर रहा है। 4 चरणों में लॉकडाउन की बात झूठी थी और यह सिर्फ लोगों में भय पैदा करने के इरादे से फैलाई गई थी। डब्ल्यूएचओ के साथ-साथ भारत सरकार ने भी इस मैसेज को झूठा करार दिया।
 
व्हॉट्सएप पर एक और मैसेज तेजी से वायरल हुआ कि व्हॉट्सएप ग्रुप में कोरोना वायरस को लेकर कोई मजाक या जोक साझा किया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी। मैसेज में लिखा हुआ था कि मजाक या जोक साझा करने पर ग्रुप एडमिन के खिलाफ धारा 68, 140 और 188 के उल्लंघन की ही तरह कार्रवाई की जाएगी। प्रेस इन्फॉर्मेशन ब्यूरो (पीआईबी) ने इस संदेश को भी फर्जी करार दिया।
 
समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सरकारी सूत्रों के हवाले से कहा है कि सरकार ने फेसबुक और चीनी वीडियो एप टिकटॉक से ऐसे वीडियो हटाने को कहा है, जो गलत जानकारी को बढ़ावा दे रहे हैं। दिल्ली स्थित डिजिटल एनालिटिक्स कंपनी ने कुछ वीडियो के विश्लेषण के बाद सरकार को रिपोर्ट सौंपी है।
ALSO READ: Corona virus का खौफ, फेसबुक ने लंदन और सिंगापुर कार्यालय बंद किए
कंपनी ने एक वीडियो में खास पैटर्न की पहचान की है। सोशल मीडिया वीडियो कुछ धार्मिक मान्यताओं का इस्तेमाल करते हुए मुसलमानों को लक्ष्य में रखते हुए बनाए गए हैं। इन वीडियो में धार्मिक मान्यताओं का उपयोग करते हुए वायरस पर स्वास्थ्य सलाह की अवहेलना को उचित ठहराया जा रहा है।
 
एक सूत्र का कहना है कि इन चिंताओं को लेकर भारत के सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने टिकटॉक और फेसबुक को पत्र लिखा है। पत्र में कहा गया है कि ऐसे यूजर्स को वे अपने मंच से हटा दें, जो गलत जानकारी फैला रहे हैं और साथ ही उनकी जानकारी रखने को कहा है ताकि बाद में जरूरत पड़ने पर पुलिस और प्रशासन से साझा की जा सके।
टिकटॉक ने एक बयान में कहा कि वह सरकार के साथ सक्रियता से काम कर रहा है। फेसबुक ने फर्जी खबरों के बारे में कहा कि हम अपने मंच पर गलत सूचना और हानिकारक सामग्री को फैलने से रोकने के लिए आक्रामक कदम उठा रहे हैं।
 
व्हॉट्सएप ने मंगलवार, 7 अप्रैल को मैसेज फॉरवर्डिंग को सीमित कर दिया था। दरअसल, लोग व्हॉट्सएप के जरिए बड़े पैमाने पर फर्जी और भ्रामक संदेश फॉरवर्ड कर रहे थे। कंपनी के नए नियम के मुताबिक फॉरवर्ड मैसेज को सिर्फ एक चैट के साथ ही साझा किया जा सकेगा यानी अब मैसेज फॉरवर्ड करने वाला एक बार में एक ही यूजर को मैसेज फॉरवर्ड कर पाएगा।
 
भारत ही नहीं, पूरे विश्व में सबसे ज्यादा खतरे का सामना कर रहे मेडिकल पेशेवरों को ही आप में से सबसे ज्यादा लोगों ने कोरोना के दौर का नायक बताया है। हालत यह है कि देश के तमाम हिस्सों में कई डॉक्टर, नर्स और दूसरे स्वास्थ्यकर्मी मरीजों को बचाते-बचाते खुद संक्रमित हो रहे हैं। कई लोगों ने इस मौके पर संकल्प लेने का आह्वान किया है कि भविष्य में इनसे मारपीट और हिंसा की हरकतें फिर कभी न की जाएं।

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

जरूर पढ़ें

साइबर फ्रॉड से रहें सावधान! कहीं digital arrest के न हों जाएं शिकार

भारत: समय पर जनगणना क्यों जरूरी है

भारत तेजी से बन रहा है हथियार निर्यातक

अफ्रीका को क्यों लुभाना चाहता है चीन

रूस-यूक्रेन युद्ध से भारतीय शहर में क्यों बढ़ी आत्महत्याएं

सभी देखें

समाचार

वीडी शर्मा के बाद अब किसे मिलेगी मध्यप्रदेश भाजपा की कमान?

CM एकनाथ शिंदे के खिलाफ उद्धव ठाकरे का बड़ा दांव, केदार दिघे को दिया कोपरी पाचपाखड़ी टिकट

क्‍या है Cyclone Dana, क्‍या है इसका अर्थ और किसने रखा ये नाम?

આગળનો લેખ
Show comments