Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

उत्तर प्रदेश में 9 महीने में 920 एनकाउंटर

उत्तर प्रदेश में 9 महीने में 920 एनकाउंटर
, शुक्रवार, 12 जनवरी 2018 (11:54 IST)
उत्तर प्रदेश पुलिस ने पिछले नौ महीने में तकरीबन 31 कुख्यात अपराधियों को मार गिराया है। साथ ही राज्य के 2,214 अपराधियों को जेल भेजा है और 920 एनकाउंटर किए हैं। राज्य पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई है।
 
उत्तर प्रदेश पुलिस के आंकड़ों को देखने के बाद यह कहना गलत नहीं होगा कि राज्य में सक्रिय कथित अपराधियों के बुरे दिन चल रहे हैं। पिछले साल मार्च में योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री पद संभाला। इसके बाद से ही पुलिस विभाग ने राज्य में अपराधियों का तेजी से सफाया किया। पुलिस रिकॉर्ड्स के मुताबिक अधिकारियों और अपराधियों के बीच औसतन तीन मुठभेड़ रोजाना हुईं। साथ ही कानून व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए 920 एनकाउंटर किए गए। इन मुठभेड़ों में 196 अपराधियों को गंभीर चोटें आईं और करीब 212 पुलिस वाले भी जख्मी हुए। पुलिस के चार जवानों की जान भी गई।
 
राज्य में मेरठ जोन को सबसे अधिक प्रभावित इलाका बताया गया है। साथ ही कहा गया है कि एनकाउंटर के मामले में उन इलाकों में सबसे अधिक हुए, जो दिल्ली और हरियाणा की सीमा से सटे हुए हैं। इस मसले पर पहले एक चर्चा में राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था, "हम गोली का जबाव गोली से देंगे।" साथ ही सरकार की कमान अपने हाथ में लेते हुए भी मुख्यमंत्री ने राज्य में "डर मुक्त समाज" स्थापित करने का वादा किया था।
 
इंडियन एक्सप्रेस की खबर मुताबिक बीते कुछ महीनों में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार को कई नोटिस भेजे। आयोग ने कहा, "भले ही राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति गंभीर थी लेकिन कोई भी राज्य ऐसा तरीका नहीं अपना सकता जिसमें कथित अपराधियों की गैरन्यायिक हत्याएं की जाएं।"
 
छह महीने में 19 एनकाउंटर की बात सामने आने के बाद आयोग ने पिछले साल नवंबर में भेजे अपने एक नोटिस में कहा, "मुख्यमंत्री की ओर से ऐसा बयान पुलिस और अन्य एजेंसियों को अपराधियों से निपटने की खुली छूट देता है।" नोटिस में कहा गया, "किसी भी समाज में डर का माहौल पैदा करना अच्छा नहीं है। साथ ही राज्यों द्वारा ऐसी कोई भी नीति नहीं अपनाई जा सकती, जो व्यक्ति को संविधान से मिले जीवन जीने के अधिकार का हनन करती हो।" 
 
समीक्षा बैठक के दौरान राज्य के मुख्य सचिव अरविंद कुमार ने कहा है कि पुलिस एनकाउंटर से जुड़े मामलों को लेकर फिलहाल मानवाधिकार आयोग की ओर से उन्हें अब तक कोई नोटिस नहीं मिला है।
 
अपूर्वा अग्रवाल

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

नज़रिया: मोदी सरकार के फैसले से भारत आएगा ट्रंप टावर?