प्रदूषण से जूझ रही भारत की राजधानी दिल्ली को फिलहाल राहत मिलती नहीं दिख रही है। बुधवार को एक बार फिर वायु की गुणवत्ता इमरजेंसी की श्रेणी के करीब पहुंच गई। तापमान में गिरावट और हवा की गति कम होने के कारण भारत की राजधानी दिल्ली के आसमान में स्मॉग की चादर छा गई है।
पिछले कुछ दिनों की राहत के बाद मंगलवार से दिल्ली में प्रदूषण का स्तर फिर बढ़ने लगा है। सरकारी एजेंसियों का कहना है कि बुधवार को दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी के पास पहुंच गई, उनके मुताबिक आने वाले अगले कुछ दिनों में राहत मिलती नहीं दिख रही है।
वायु गुणवत्ता पर नजर रखने वाली सरकारी एजेंसी 'सफर' के मुताबिक बुधवार को दिल्ली में एयर क्वालिटी इंडेक्स 494 पर पहुंच गया। इंडेक्स हवा में मौजूद पार्टिकुलेट मैटर (पीएम) के बारे में जानकारी देता है। यह फेफड़ों के भीतर पहुंचकर भारी नुकसान पहुंचा सकता है। पीएम 2.5 का स्तर 60 के ऊपर जाना हानिकारक माना जाता है। इसलिए हवा में पार्टिकुलेट मैटर 2.5 का स्तर 60 से नीचे ही रहना चाहिए।
राहत की उम्मीद अभी कम है
दिल्ली में सर्दी के मौसम की शुरुआत के साथ ही ऐसा लग रहा है कि अगले कुछ हफ्ते शहरवासी प्रदूषण से पीड़ित रहेंगे। दिल्ली स्थित रिसर्च संस्था विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र (सीएसई) की एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुमिता रॉय के मुताबिक, अब जब ठंड बढ़ रही है, हवा उतनी ऊपर नहीं जा पा रही है, जिससे प्रदूषक तत्वों को हटा सके।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, एक्यूआई कुछ जगहों पर 500 का स्तर छू चुका है, जिसका मतलब होता है यह स्वस्थ लोगों के लिए भी खतरनाक है। निगरानी एजेंसी सफर का कहना है कि खेतों में किसानों के पराली जलाने से आसमान में तेज धुआं उठ रहा है और आशंका है कि स्मॉग से हालात और बिगड़ सकते हैं।
सफर के मुताबिक, इस हालात से अगले 2 दिन राहत की उम्मीद नहीं दिख रही है। साथ ही वायु की गुणवत्ता का स्तर और भी खराब होने की आशंका है। दिल्ली की सरकार ने 15 नवंबर तक शहर में ऑड-इवन योजना लागू कर रखी है। रॉय मौसम के हालात को देखते हुए आशावादी नहीं नजर आ रहीं कि इस योजना से मदद मिलेगी। रॉय कहती हैं, जब प्रदूषण को दूर करने के लिए हवा ही नहीं चल रही है तो आपातकालीन उपाय हवा को साफ कैसे कर पाएंगे। यह रोज-रोज की जंग हो गई है।