Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

अब उत्तर प्रदेश में भी लगेगा 'गौ कल्याण कर'

Webdunia
गुरुवार, 3 जनवरी 2019 (11:35 IST)
गाय और गोवंश पशुओं की देखभाल के लिए धन जुटाने के मकसद से उत्तर प्रदेश सरकार ने शराब महंगी करने का फैसला लिया है। इसके पहले पंजाब, चंडीगढ़ और राजस्थान में भी लग चुके हैं ऐसे कर। उत्तर प्रदेश सरकार ने केवल शराब पर ही कर नहीं लगाया है, बल्कि गायों के कल्याण के लिए सड़कों पर चलने वाले वाहनों से अतिरिक्त टोल टैक्स भी वसूला जाएगा। यानी, उत्तर प्रदेश में अब शराब पीना और सड़क पर चलना दोनों ही महंगा हो जाएगा।
 
 
ये फैसला यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई राज्य मंत्रिमंडल की कैबिनेट मीटिंग में लिया गया। इसके अलावा राज्य के आठ अलग अलग विभागों को भी मिल कर गायों की देखभाल के इंतजाम का आदेश दिया गया है। उत्तर प्रदेश के पहले देश के कुछ अन्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों जैसे पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और चंडीगढ़ में भी गाय के कल्याण के लिए ऐसे अतिरिक्त कर लगाने के कदम उठाए जा चुके हैं।

 
 
योगी को ऐसा क्यूं करना पड़ा
प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 2017 में भारतीय जनता पार्टी की सरकार के गठन के बाद से गो हत्या पर प्रतिबंध लगा दिया गया। वैसे ये प्रतिबंध पहले से था लेकिन उनका सख्ती से पालन करते हुए प्रदेश भर में तमाम अवैध मीट स्लॉटर हाउस बंद कर दिए गए।
 
 
इसका एक असर यह भी हुआ कि गाय और गोवंश के पशु बड़ी संख्या में सड़कों पर दिखने लगे। कई लोगों ने अपने दूध ना देने वाली गायों और गोवंश पशुओं को छुट्टा छोड़ दिया। सड़कों पर भारी संख्या में पशुओं के होने से सड़क दुर्घटनाएं बढ़ गईं और जानवरों के आतंक से प्रदेश सरकार परेशान हो गई।
 
 
गोवंश अब इतना ज्यादा हो चुका है कि किसानों की फसल नष्ट हो रही है। प्रदेश के पश्चिमी जिलों से पिछले 10-12 दिनों में कई जिलों से ऐसी खबरें आ रही हैं जहां किसानों ने ऐसे आवारा पशुओं को विरोध स्वरूप स्कूलों और अस्पतालों में बंद कर दिया। अलीगढ़ और मथुरा में लोगों ने अस्पतालों और स्कूल में पशुओं को बांध दिया था। इसे लेकर कुछ जगहों पर लोगों की प्रशासन से झड़पें भी हुईं।
 
 
क्या है गोवंश की देखभाल का मॉडल
नई नीति में प्रत्येक जनपद में ग्रामीण और नगरीय क्षेत्रों में कम से कम 1,00 बेसहारा गोवंश पशुओं के लिए अस्थायी आश्रय निर्माण अलग अलग शासकीय विभागों के सहयोग से किया जाएगा। इसके लिए धन का इंतजाम करने के लिए आबकारी विभाग से प्राप्त होने वाले राजस्व पर अतिरिक्त सेस लगाया जाएगा। इसका सीधा मतलब है कि शराब का दाम बढ़ेगा।
 
 
इसके अलावा राज्य सरकार के अधीन आने वाली जिन सड़कों पर टोल टैक्स लगता है, वहां 0।5 प्रतिशत अतिरिक्त धनराशी ली जाएगी, जिसे गो कल्याण सेस के रूप में इकट्ठा किया जाएगा।
 
 
इसके अलावा पहले मंडी परिषद् से 1 प्रतिशत सेस पहले लिया जाता था अब वो 2 प्रतिशत हो जाएगा। इसके अलावा मुनाफा कमाने वाले विभाग जैसे प्रदेश के सार्वजनिक उपक्रमों के अलावा राजकीय निर्माण निगम, सेतु निगम, आदि अपने होने वाले मुनाफे का 0।5 फीसदी सरकार को देंगे।
 
 
इन आश्रय स्थलों के निर्माण में होने वाला मिट्टी कार्य मनरेगा से करवाया जायेगा। इसके अलावा स्थानीय स्तर पर पंचायतें अपने स्तर पर पैसे का प्रबंध करेंगी। सांसद और विधायक निधि से भी पैसे ले सकते हैं। इसके अलावा वित्त योग, राइफल निधि, खनिज निधि, जो जिले पर होती हैं वहां से भी पैसा लिया जायेगा।
 
 
इस सब कामों पर ब्लाक/तहसील लेवल से लेकर जनपद पर बनाई गई समितियां निगरानी करेगी, जो प्रदेश के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में बनाई गई स्टेट स्टीयरिंग समिति के दिशा निर्देश पर काम करेगी। पुराने बने हुए कांजी हाउस और ऐसे स्थलों को पुनर्जीवित भी किया जायेगा और वहां पर्याप्त कर्मचारी की व्यवस्था की जाएगी।
 
 
अब अगर कोई अपने पशु दूसरे की जमीन पर छोड़ता है तो उस पर जुर्माना लगेगा और कार्यवाही होगी। ये जुर्माना पुलिस/जिला/नगरीय प्रशासन लगा सकता हैं। इसके अलावा ऐसे आश्रय स्थलों पर गोवंश से होने वाले दूध, गोबर, कम्पोस्ट को बेचने की व्यवस्था की जाएगी ताकि ये आश्रय स्थल स्वावलंबी बन सकें। पशुपालन विभाग इन आश्रय स्थलों पर भी अपनी सेवाएं देगा।
 
 
क्या कहता है विपक्ष
बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने इस प्रकार गोवंश के संरक्षण के लिए आबकारी और टोल पर उपकर लगाने के फैसले को बीजेपी और आरएसएस की "फैंसी सोच" बताया है। मायावती ने कहा है कि अगर इस तरह गोवंश का संरक्षण संभव है तो केंद्र सरकार को इस मामले में एक राष्ट्रीय कानून बनाकर इसका समाधान करना चाहिए।
 
 
कैबिनेट मंत्री और उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री श्रीकांत शर्मा ने मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा है कि गोहत्या नहीं होने देंगे। इसके लिए सरकार सिर्फ गोवंश की रक्षा ही नहीं करेगी बल्कि गोवंश के छुट्टा पशुओं के प्रबंधन की जिम्मेदारी भी उठाएगी और ये फैसला उसी दिशा में हैं।
 
 
बीते दिनों आवारा पशुओं के किसानों की फसलों को नुकसान पहुंचाने को लेकर राज्य के विपक्षी दल किसानों के गुस्से को हवा देने लगे थे। आगामी लोक सभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी को इसका सियासी नुकसान हो सकता था। ऐसे में योगी सरकार का कदम ऐसी स्थिति के पैदा होने से रोकने वाला माना जा रहा है।
 
 
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता और विधायक सुनील सिंह साजन के अनुसार सरकार दिशाहीन है और भ्रष्टाचार के लिए एक नया रास्ता खोज के लाई है। वो कहते हैं, "भाजपा हमेशा इमोशनल मुद्दे पकड़ती है। जैसे गंगा फिर गाय माता लेकिन किया कुछ नहीं। पहले आप काम कीजिए फिर नीति बनाइए लेकिन यहा उल्टा कर रही है। अब हालात ये हैं कि गाय के चक्कर में इंसान मर रहा हैं। किसान दिन भर काम करने के बाद रात को जाग कर रखवाली कर रहा हैं। इनको गाय से कुछ लेना नहीं बल्कि पैसा इकट्ठा करना है।"
 
 
रिपोर्ट फैसल फरीद

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

जरूर पढ़ें

साइबर फ्रॉड से रहें सावधान! कहीं digital arrest के न हों जाएं शिकार

भारत: समय पर जनगणना क्यों जरूरी है

भारत तेजी से बन रहा है हथियार निर्यातक

अफ्रीका को क्यों लुभाना चाहता है चीन

रूस-यूक्रेन युद्ध से भारतीय शहर में क्यों बढ़ी आत्महत्याएं

सभी देखें

समाचार

Nvidia और Reliance के बीच हुआ समझौता, भारत में मिलकर बनाएंगे AI इंफ्रास्ट्रक्चर

Jammu and Kashmir : गुलमर्ग में आतंकी हमले में 4 की मौत, 2 जवान और 2 पोर्टर भी शामिल, 3 घायलों की हालत नाजुक

Maharashtra : कांग्रेस ने महाराष्ट्र चुनाव के लिए जारी की 48 उम्मीदवारों की लिस्ट

આગળનો લેખ
Show comments