Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

डब्ल्यूएचओ: सालों तक खत्म नहीं हो पाएगा कोरोनावायरस

डब्ल्यूएचओ: सालों तक खत्म नहीं हो पाएगा कोरोनावायरस

DW

, मंगलवार, 14 सितम्बर 2021 (16:44 IST)
डब्ल्यूएचओ के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कोरोनावायरस से जल्दी छुटकारा पाना संभव नहीं है। अधिकारी के अनुसार इस संदर्भ में टीकाकरण रणनीति के पुनर्गठन की तत्काल जरूरत है। डब्ल्यूएचओ के यूरोप मामलों के प्रमुख हांस क्लूग ने कोरोनावायरस महामारी को नियंत्रित करने के प्रयासों के परिणामों पर निराशा जाहिर की है। उनका मानना ​​​​है कि वायरस का कोई तत्काल इलाज नहीं है, क्योंकि वायरस के नए वेरिएंट हर्ड इम्युनिटी को हासिल करने की उम्मीदों को धराशायी करते हैं।
 
क्लूग ने साफ कर दिया है कि अब यह स्पष्ट हो रहा है कि आने वाले कई वर्षों तक कोरोनावायरस मौजूद रहेगा। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के स्वास्थ्य अधिकारियों को वर्तमान टीकाकरण कार्यक्रमों और प्रक्रियाओं की समीक्षा करने और संयुक्त राष्ट्र की जरूरतों के संदर्भ में भविष्य की प्राथमिकताओं को निर्धारित करने के लिए रणनीति पर सोचना होगा।
 
विश्व स्वास्थ्य संगठन के निदेशक ने इस साल मई में कहा था कि जब टीकाकरण 70 प्रतिशत तक पूरा हो जाएगा तो ज्यादातर देशों में कोरोनावायरस महामारी खत्म हो जाएगी। जाहिर तौर पर ऐसा नहीं हुआ है और कोविड-19 की वर्तमान नई लहर एक खतरा बनी हुई है।
 
स्थिति बदल गई है
 
मई में दिए गए विश्व स्वास्थ्य संगठन के बयान के बारे में पूछे जाने पर क्लूग ने कहा कि जमीनी हकीकत ने अब अतीत की स्थिति को पूरी तरह से बदल दिया है।
 
क्लूग के मुताबिक डेल्टा और दूसरे वेरिएंट को लेकर फिलहाल कुछ नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने वैक्सीन का फायदा यह है कि आम जनता वायरस से संक्रमित होने के बावजूद ठीक हो रही है और उनमें बीमारी के गंभीर लक्षण नहीं हैं।
 
डब्ल्यूएचओ के वरिष्ठ अधिकारी ने यह भी कहा कि यह बीमारी जल्द खत्म होने वाली नहीं है और यह फ्लू जैसी बीमारी बनी रहेगी।
 
वैक्सीन रणनीति को बदलने की जरूरत
 
क्लूग का कहना है कि मौजूदा स्थिति में टीकाकरण की रणनीति में बदलाव की जरूरत है ताकि इसकी प्रभावशीलता दोगुनी हो सके। इसी तरह संक्रामक और महामारी विज्ञानियों को लगता है कि वायरस के प्रसार को रोकने के लिए घनी आबादी वाले क्षेत्रों में लोगों की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए अकेले टीकों की आपूर्ति पर्याप्त नहीं है।
 
डब्ल्यूएचओ का कहना है कि उच्च टीकाकरण महत्वपूर्ण है क्योंकि यह स्वास्थ्य प्रणाली को बीमार लोगों के बोझ से बचा सकता था। क्लूग का कहना है कि स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली न केवल कोविड-19 के रोगियों के लिए है बल्कि कई अन्य बीमारियों के पीड़ितों की देखभाल और उपचार के लिए भी है।
 
भारत में मिला डेल्टा वेरिएंट एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में 60 प्रतिशत तेजी से फैलता है। अब कोलंबिया में मिला म्यू वेरिएंट चिंता पैदा कर रहा है। इस वेरिएंट को पहली बार जनवरी 2021 में कोलंबिया में पहचाना गया था।
 
एए/वीके (एएफपी, एपी)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

राजा महेंद्र प्रताप सिंह की पूरी कहानी, पीएम मोदी जिनके नाम पर यूनिवर्सिटी का करेंगे शिलान्यास