Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

सीआईए के जासूसों तक कैसे पहुंचा चीन

सीआईए के जासूसों तक कैसे पहुंचा चीन
, गुरुवार, 18 जनवरी 2018 (11:43 IST)
चीन में 2010 में अमेरिकी खुफिया एजेंसी सीआईए के कई जासूस मारे गए। सीआईए को पता नहीं चला कि कौन उसके जासूसों को खत्म कर रहा है। अब धीरे धीरे जासूसी का यह खेल खुल रहा है।
 
अमेरिका में सीआईए के पूर्व अफसर जेरी चुंग शिंग ली को गिरफ्तार किया गया है। ली पर सीआईए के जासूसों के नाम, फोन नंबर और उनसे जुड़ी खुफिया जानकारी गैरकानूनी रूप से रखने के आरोप लगे हैं। अमेरिका की नागरिकता ले चुके 53 साल के ली को सोमवार को न्यूयॉर्क के जेएफके एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया। मंगलवार को कोर्ट में पेशी के दौरान उन पर आरोप तय किए गए।
 
अदालत के दस्तावेजों के मुताबिक ली ने 1994 से 2007 तक अमेरिकी खुफिया एजेंसी के लिए बतौर केस अफसर काम किया। इस दौरान विदेशों में तैनात सीआईए के अधिकारियों और जासूसों के साथ ली संपर्क रखा करते थे। उनके पास दुनिया भर से कई गोपनीय सूचनाएं भी आती थीं। 2007 में रिटायरमेंट के बाद ली हांगकांग में रहने लगे।
 
ली के नौकरी छोड़ने के बाद चीन में सीआईए के एजेंटों को बड़ी मुश्किल होने लगी। 2010 के आस पास चीन में सीआईए के 20 मुखबिर बुरी तरह फंस गए। कई मारे गए और कुछ को जेल हो गई। बीते 10 साल में सीआईए के लिए यह सबसे बड़ी नाकामी थी। अमेरिकी एजेंसी के सामने सबसे बड़ा सवाल था कि उसके इतने सारे मुखबिरों की, जासूसों की और उसकी गोपनीय सूचनाएं चीन तक कैसे पहुंच रही हैं।
 
अमेरिका की संघीय जांच एजेंसी एफबीआई ने भी इसकी जांच शुरू कर दी। 2012 में डाटा हैकिंग या दूसरे संदिग्धों की पूरी जांच करने के बाद अंत में ली ही अकेले बचे। एफबीआई को शक हो गया कि ली ने ही चीन को अमेरिकी जासूसों की जानकारी दी है।
 
ली को हांगकांग से वापस बुलाना एक बड़ी चुनौती थी। एक रिपोर्ट के मुताबिक 2012 में एक नकली नौकरी का विज्ञापन दिया गया। नौकरी का लालच देकर ली को अमेरिका बुलाया गया। 2012 में वह अमेरिका आए। इस दौरान वह वर्जीनिया भी गए। वर्जीनिया में सीआईए का मुख्यालय है।
 
ली के पीछे लगी एफबीआई ने इसी दौरान वर्जीनिया और हवाई में उनके होटल रूम की तलाशी ली। एफबीआई को वहां सीआईए की गोपनीय जानकारी वाली डायरियां मिलीं। डायरी में हाथ से लिखे कई नोट्स थे। एफबीआई ने जब नोट्स वाली डायरियां सीआईए को दी तो पता चला कि उनमें अमेरिकी खुफिया एजेंसी की उच्च स्तर की गोपनीय सूचनाएं दर्ज हैं।
 
इसके बाद एफबीआई ने ली का इंटरव्यू किया। इस दौरान ली ने किसी तरह की डायरी का जिक्र नहीं किया। एफबीआई के मुताबिक ली से जब यह पूछा गया कि वह वर्जीनिया क्यों गए, तो वह कोई ठोस कारण नहीं बता सके। फिर 2013 में वह फिर वापस हांगकांग लौट गए। अभी यह साफ नहीं है कि गिरफ्तारी के जोखिम के बावजूद ली 2018 को अमेरिका वापस क्यों लौटे।
 
आठ पन्नों वाले हलफनामे के साथ एफबीआई ने अब कोर्ट में ली के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया है। उन पर गैरकानूनी ढंग से दस्तावेज रखने का आरोप लगाया गया है। हलफनामे के मुताबिक 2013 के बाद एफबीआई ने पांच बार उनसे पूछताछ की। इस दौरान ली ने कभी यह नहीं कहा कि उनके पास गोपनीय डायरियां भी हैं। ली के ट्रायल के साथ ही उनसे जुड़े दूसरे मामलों की जांच भी जारी रहेगी।
 
ओएसजे/आईबी (एपी, डीपीए)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

इन देशों के पास है सबसे बड़ा ऑयल रिजर्व