Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

चेन्नई की खोज से उलझी मानव इतिहास की कहानी

चेन्नई की खोज से उलझी मानव इतिहास की कहानी
, शनिवार, 3 फ़रवरी 2018 (11:27 IST)
धरती पर पहला मानव कहां और कब पैदा हुआ था इसे लेकर उलझन और बढ़ गई है। भारत में मिले प्राचीन औजारों से ऐसा लग रहा है कि इंसान के पूर्वज अफ्रीका में कहीं और से आए थे। वैज्ञानिकों ने यह अनुमान चेन्नई से 60 किलोमीटर दूर अत्तिरमपक्कम में मिले 7200 पत्थर के औजारों को देखने और उनकी पड़ताल करने के बाद किया है।
 
 
इन औजारों की आयु 385,000 साल से 172,000 साल के बीच मध्य पुरापाषाण युग के शुरू होने से पहले की मानी जा रही है। यह युग 125000 साल पहले शुरू हुआ था। वैज्ञानिकों को चेन्नई में जो हथियार मिले हैं वे काफी उन्नत किस्म के है जिन्होंने 400000 साल पहले के पुराने औजारों की जगह ली थी।
 
 
इन हथियारों की खोज ने धरती पर इंसान के पैदा होने की अब तक चली आई मान्यता ध्वस्त कर दी है और पहले माना जाता था कि इंसान के पूर्वज होमो सेपियंस का 3 लाख साल पहले अफ्रीका में अभ्युदय हुआ था। बाद में वे दुनिया के दूसरे हिस्सों में गए और वहीं बसने लगे।
 
 
हालांकि इस बात पर वैज्ञानिकों में मतभेद है कि यह कब और कैसे हुआ? यह भी साफ नहीं है कि वे अकेले गए या फिर समुदाय के साथ। एक हफ्ते पहले ही इस्राएल में इंसान का एक जबड़ा मिला जिससे पता चला कि इंसान ने 180000 साल पहले अफ्रीका को छोड़ दूसरे इलाकों में जाना शुरू किया।
 
अब तक माना जाता था कि अफ्रीका और यूरोप में 3-4 लाख साल पहले पत्थरों से औजार बनने लगे थे और भारत में यह 125,000 साल पहले शुरू हुआ लेकिन औजारों की नई खोज ने कहानी बदल दी है।
 
 
वैज्ञानिकों का कहना है कि औजारों के पास कोई जीवाश्म नहीं मिला है इसलिए थोड़ा सावधानी बरतने की जरूरत है क्योंकि पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता कि इसे होमो सेपियंस ने बनाया या किसी और जीव ने।
 
चेन्नई में रिसर्च का नेतृत्व कर रही प्रोफेसर शांति पप्पू ने कहा, "अफ्रीका और यूरोप के बाहर मध्य पाषाणयुग में परिवर्तन को समझना यूरेशिया में मानव जीवन को समझने के लिए अनिवार्य है। खासतौर से रूप रंग और उससे जुड़ा आधुनिक मानव का अफ्रीका में और अफ्रीका से बाहर प्रवासन।"
 
 
मानव का इतिहास जानने की कहानी के टुकड़े जोड़ना बेहद जटिल है। वैज्ञानिक अकसर खुदाई में मिले औजारों और जीवाश्मों से इस कहानी को पूरी करने की कोशिश करते हैं।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

वो द्वीप जो हर छह महीने में बदल देता है अपना देश