Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

सोशल मीडिया बना बीजेपी के जी का जंजाल

सोशल मीडिया बना बीजेपी के जी का जंजाल
, शनिवार, 23 सितम्बर 2017 (09:29 IST)
इन दिनों सोशल मीडिया में चल रही जुमलेबाजी में मोदी सरकार की नीतियों और काम की खूब खिंचाई हो रही है। बीजेपी को सोशल मीडिया का बेहतरीन खिलाड़ी माना जाता है, लेकिन अब पार्टी के लिए सोशल मीडिया हैंडल करना आसान नहीं रहा।
 
इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गृह प्रदेश गुजरात में एक सोशल मीडिया कैंपेन अपने उफान पर है। इस प्रचार अभियान में विकास की "सनक" पर बात की जा रही है। विधानसभा चुनावों से महज दो महीने पहले लोकप्रिय हो रहा यह कैंपेन बीजेपी की नींद उड़ाने के लिए काफी है। राज्य में विधानसभा चुनाव सिर्फ दो महीने दूर हैं इसलिए बीजेपी किसी भी मसले पर जोखिम लेने के मूड में नहीं है। सोशल मीडिया पर भाजपा के विकास कार्यों और कार्यक्रमों का मजाक उड़ाते फोटो, जोक्स, वीडियो वायरल हो रहे हैं। बीजेपी कि चिंता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष के बयान में साफ नजर आती है। अमित शाह ने इस सोशल मीडिया कैंपेन पर निशाना साधते हुए कहा था "मैं युवाओं से अपील करता हूं कि वे व्हाट्सऐप और फेसबुक पर बीजेपी के विरोध में जो बातें कही जा रहीं हैं उसपर विश्वास न करें।"
 
उन्होंने कहा, "किसी भी निर्णय से पहले इस बात पर गौर करना होगा कि बीजेपी के सत्ता में आने से पहले गुजरात कैसा था और आज इसमें क्या बदलाव आया है।"
 
बीजेपी कैसे बनी निशाना?
गुजरात में बीजेपी पिछले लंबे समय से सत्ता में है। लेकिन राज्य में बढ़ते दलित मामले और अन्य मुद्दों ने पार्टी की छवि को प्रभावित किया है। पार्टी को चिंता है कि उसकी बिगड़ती छवि देश के अन्य राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों पर भी असर डाल सकती है।
 
साल 2018 में छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, मेघालय। मिजोरम, नगालैंड, राजस्थान और त्रिपुरा में चुनाव होने हैं। पार्टी का साइबर विभाग संभाल रहे रोहन गुप्ता के मुताबिक, "हमे लोगों के जेहन में इस बात को जिंदा रखना है कि विकास के नाम पर उन्हें पिछले 22 सालों के दौरान प्रशासन से क्या मिला।"
 
हालांकि बीजेपी सोशल मीडिया की बेहद मंझी हुई खिलाड़ी मानी जाती है, पार्टी ऑनलाइन स्पेस में अच्छी खासी जगह रखती हैं, इसका ट्विटर बेहद ही एक्टिव है और सोशल मीडिया पर भी इसके मैसेज लोगों को आकर्षित करते हैं। ट्रोलिंग में भी पार्टी का जवाब नहीं लेकिन पार्टी के लिए ऑनलाइन स्पेस में हो रही आलोचना और विरोध अब परेशानी बन गया है। हालांकि बीजेपी की चिंता का कारण सिर्फ ऑनलाइन आलोचना ही नहीं है बल्कि नोटबंदी, जीएसटी, पेट्रोल की तेज होती कीमतें सभी मुद्दे परेशानी बढ़ा रहे हैं। एक ट्वीट में पार्टी को आड़े हाथों लेते हुए कहा गया है कि "जब सरकार बोले जीडीपी की दर बढ़ रही है तो समझ लेना कि उसका असली मतलब गैस, डीजल और पेट्रोल से है।"
 
बदलता ट्रेंड
विश्लेषक मानते हैं कि भारतीय सोशल मीडिया में बदलाव की बयार चल रही है। सत्ता तक पहुंचने के लिए जिस भाजपा को इसका लाभ मिला था अब उसके हितों को सोशल मीडिया प्रभावित कर रहा है। सोशल मीडिया विश्लेषक मनीष कपराती बताते हैं, "कुछ संगठन और समूहों ने अब भाजपा को निशाना बनाया है जो पार्टी के लिए चिंता की बात है।" पत्रकार हरतोष सिंह बल कहते हैं "बीजेपी की अब भी सोशल मीडिया में अच्छी खासी पैठ है लेकिन अब पार्टी आम लोगों का भरोसा नहीं जीत पा रही है। अब बीजेपी के लिए अपने दावों की पुष्टि करना मुश्किल हो गया है। वहीं इनकी ट्रोल विंग उदारवादियों को निशाना बनाती रहती है जिस पर भी अब लोग सवाल उठाने लगे हैं। जमीनी स्तर पर कुछ नजर नहीं आ रहा है इसलिए पार्टी के दावे लोगों को अब खोखले नजर आ रहे हैं।"
 
भाजपा का रुख
भाजपा ने अब तक सोशल मीडिया का इस्तेमाल लोगों की समझ को अपनी नीति मुताबिक ढालने के लिए किया है जिसका प्रभाव अब उल्टा हो रहा है। मसलन मोदी सरकार की नोटबंदी मुहिम को सोशल मीडिया में खूब उछाला गया। हालांकि इसके पहले सरकार को बहुत से मुद्दों पर खूब वाहवाही मिली। नोटबंदी पर सरकार को अपने नेताओं की तर्क शक्ति पर भरोसा नहीं था इसलिए पार्टी के नेताओं को इस मुद्दे पर सोशल मीडिया विंग द्वारा तैयार किए गये टैम्पलेट भेजे गये थे।
 
मीडिया से जुड़े प्रतीक सिन्हा कहते हैं "भाजपा के लिए इस तरह की ट्रोलिंग को झेलना अपने आप में नया है लेकिन अब यह मुद्दा लोगों के बीच उठा है और अपनी पकड़ भी बना रहा है।" पिछले आम चुनावों में भाजपा ने अन्य राजनीतिक दलों की तुलना में सबसे अधिक सोशल मीडिया का इस्तेमाल किया था। अपने पूरे चुनावी अभियान के दौरान भाजपा ने सबसे अधिक राजनीतिक ट्वीट और पोस्ट किए। यहां तक कि प्रधानमंत्री के टि्वटर पर तकरीबन 3.4 करोड़ फॉलोअर्स है। फॉलोअर्स के मामले में मोदी अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप से बस थोड़ा ही पीछे हैं। लेकिन अब माहौल बीजेपी के लिए बदल रहा है।
 
रिपोर्ट: मुरली कृष्णन

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

#वेबदुनियाके18वर्ष : उमंगों के आसमान में सपनों की खेती....