Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

विराट कोहली को रिव्यू सिस्टम नहीं पसंद, चाहते हैं यह बदलाव

विराट कोहली को रिव्यू सिस्टम नहीं पसंद, चाहते हैं यह बदलाव
, सोमवार, 22 मार्च 2021 (21:40 IST)
जब से यूडीआरएस जिसे डीआरएस (डिसिजन रिव्यू सिस्टम) भी कहा जाता है आया है तब से कोई भी बल्लेबाज या गेंदबाज निराश होकर वापस पवैलियन या फिर रनअप पर नहीं जाता है क्योंकि अंपायरों के फैसले को अब चुनौती देने का प्रावधान है। 
 
हाल ही में एमसीसी विश्व क्रिकेट समिति ने 22 फरवरी को अंपायर की कॉल पर चर्चा की। कुछ सदस्यों का मानना था कि गेंद स्टंप पर जरा सी भी लग रही हो तो अंपायर का फैसला बदला जाना चाहिए। जबकि दूसरे सदस्यों का मानना था कि डीआरएस प्रणाली में कोई बदलाव नहीं हो।
 
भारत के कप्तान विराट कोहली ने सोमवार को फैसला समीक्षा प्रणाली (डीआरएस) में ‘अंपायर्स कॉल (मैदानी अंपायर के फैसले को बरकरार रखना)’ की आलोचना करते हुए कहा कि इससे बहुत भ्रम की स्थिति बन रही है और पगबाधा से आउट होने का फैसला पूरी तरह से गेंद के स्टंप्स से टकराने पर आधारित होना चाहिए, भले वह मामूली रूप से टकराये।
 
मौजूदा नियमों के मुताबिक बल्लेबाज के पगबाधा को लेकर दिये गये अंपायर के फैसले पर गेंदबाजी टीम की डीआरएस के दौरान गेंद का कम से कम 50 प्रतिशत हिस्सा तीनों स्टंप्स में से किसी एक से टकराना चाहिये। ऐसा नहीं होने पर अंपायर्स कॉल मान्य होता है।
 
कोहली ने इंग्लैंड के खिलाफ तीन मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला के शुरूआती मुकाबले की पूर्व संख्या पर यहां कहा, ‘‘ मैं डीआरएस के बिना लंबे समय तक खेला हूं। उस समय अंपायर ने अगर कोई फैसला दिया है तो बल्लेबाज चाहे या ना चाहे वह मान्य होता था।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘ मेरे मुताबिक अंपायर्स कॉल से अभी भ्रम की स्थिति हो रही है। जब आप किसी बल्लेबाज को बोल्ड करते है तो आप यह नहीं सोचते है कि गेंद का 50 प्रतिशत से ज्यादा हिस्सा स्टंप्स से टकराये।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘ इसलिए क्रिकेट की बुनियादी समझ से मुझे नहीं लगता कि इस पर कोई बहस होनी चाहिए। अगर गेंद स्टंप्स से टकरा रही है तो यह आउट होना चाहिये, आप इसे पसंद करे या नहीं, ऐसे में आप समीक्षा गंवा देते है।’’
 
इंग्लैंड के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय श्रृंखला के दौरान सूर्यकुमार यादव के खिलाफ मैदान अंपायर के ‘सॉफ्ट सिगनल’ में आउट दिये जाने से की कोहली ने आलोचना करते हुए कहा कि खेल को सरल रखा जाना चाहिए।
 
उन्होंने कहा, ‘‘ खेल को सरल होना चाहिये और यह देखा जाना चाहिये कि गेंद स्टंप्स से टकरा रही है या नहीं, यह मायने नहीं रखता कि कितना टकरा रही है, क्योंकि इससे बहुत भम्र हो रहा है।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘ आपको यह सवाल करना होगा कि खेल की भावना क्या है और उसके दिशा-निर्देश क्या हैं, क्योंकि अगर, भारतीय क्रिकेट टीम के साथ विदेशों में ऐसा हुआ है, तो आप खेल भावना को लेकर पूरी तरह से अलग बातचीत करते।’’
 
कोहली ने कहा कि बड़े टूर्नामेंटों में इस तरह के अंपायरों के विवादास्पद फैसले से परिणाम प्रभावित होते हैं।उन्होंने कहा, ‘‘ भविष्य में बड़े टूर्नामेंट के साथ बहुत कुछ दांव पर है, और आप खेल में विवादित चीज नहीं चाहते है क्योंकि नाजुक मोड़ पर आपके पास कोई स्पष्टता नहीं होती है।’’(भाषा) 
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

नहीं बदलेगी वनडे की ओपनिंग जोड़ी, रोहित-धवन ही करेंगे शुरुआत