Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

फिर खतरे में शास्त्री की कुर्सी, पैवेलियन का साथी ही हो सकता है अगला कोच

फिर खतरे में शास्त्री की कुर्सी, पैवेलियन का साथी ही हो सकता है अगला कोच
, सोमवार, 23 अगस्त 2021 (13:20 IST)
कुछ ही समय पहले की बात थी जब यह कयास लगाए जा रहे थे कि राहुल द्रविड़ टीम इंडिया के अगले कोच होंगे। लेकिन जैसे ही उन्होंने राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के प्रमुख के लिए आवेदन किया रवि शास्त्री के सिर पर मंडरा रहा खतरा टल गया। 
 
अभी शास्त्री ने ढंग से राहत की सांस भी नहीं ली होगी कि फिर से उनकी कोच की कुर्सी खतरे में पड़ती दिख रही है। बीसीसीआई के विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो बल्लेबाजी कोच विक्रम राठौड़ भारतीय टीम के अगले कोच हो सकते हैं।
 
गौरतलब है कि इस साल 14 नवंबर के बाद रवि शास्त्री का कार्यकाल खत्म हो जाएगा। उनका साथ टीम इंडिया तक टी-20 विश्वकप तक रहेगा। ऐसा माना जा रहा है कि विक्रम राठौड़ रवि शास्त्री की जगह भारतीय टीम का मुख्य कोच बनने की दौड़ में सबसे आगे हैं। 
 
हाल ही में एक वरिष्ठ खेल पत्रकार ने ट्वीट कर यह जानकारी दी कि विक्रम राठौड़ भारतीय टीम के कोच की दौड़ में सबसे आगे हैं। 
 
विक्रम राठौड़ कई समय से भारतीय टीम के बल्लेबाजी कोच हैं। वह ना केवल रवि शास्त्री के करीबी हैं, बल्कि विराट कोहली से भी उनके खासे अच्छे रिश्ते हैं। 
 
कोहली और कुंबले के विवाद के बाद यह तस्वीर साफ हो गई थी कि टीम इंडिया का कोच वह व्यक्ति ही बनेगा जिसके संबंध विराट कोहली से बेहतर होंगे। 
 
विक्रम राठौड़ ने ना केवल विराट कोहली बल्कि ऋषभ पंत और रोहित शर्मा जैसे बल्लेबाजों की अहम मौकों पर मदद की है। फिलहाल इंग्लैंड के दौरे पर राठौड़ विराट कोहली की तकनीक पर काम कर रहे हैं। 
 
खेले हैं सिर्फ 6 टेस्ट और 7 वनडे
 
विक्रम राठौड़ के करियर की बात की जाए तो उन्होंने 1996-97 में भारतीय टीम में शामिल किया गया था। वह टीम इंडिया की ओर से 6 टेस्ट और 7 वनडे का हिस्सा रहे। अंतरराष्ट्रीय करियर छोटा होने के बावजूद उन्होंने घरेलू क्रिकेट में लगातार रन बनाए। 
 
कुल 146 मैचों में 49.66 के बेहतरीन औसत के साथ उन्होंने 11473 रन बनाए हैं। वहीं लिस्ट ए करियर की बात करें तो 99 मैचों में  उन्होंने 3000 के करीब रन बनाए हैं। (वेबदुनिया डेस्क)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

अफगान क्रिकेट में तालिबान का बढ़ा दखल, इस व्यक्ति को बनाया क्रिकेट बोर्ड का अध्यक्ष