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टीम इंडिया के ट्रेनर बासु जांच के दायरे में

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शुक्रवार, 15 सितम्बर 2017 (22:32 IST)
नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के स्ट्रैंथ एवं अनुकूलन कोच शंकर बासु की अपने शिष्यों में शामिल सोहम देसाई की राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) में नए ट्रेनरों में से एक के रूप में नियुक्ति में भूमिका जांच के दायरे में गई है, क्योंकि उन पर हितों के टकराव के आरोप लगे हैं। इस तरह के आरोप लगे थे कि देसाई इससे पहले बासु के व्यवसायिक उपक्रम से जुड़े रहे थे।

आज यहां एनसीए की उपसमिति की बैठक के दौरान महाप्रबंधक (खेल विकास) एमवी श्रीधर से  कुछ सदस्यों ने देसाई की नियुक्ति को लेकर असहज सवाल पूछे क्योंकि वह बासु के निजी फिटनेस केंद्र ‘प्राइमल पैटर्न्स’ से जुड़े हैं।
 
इससे पहले गुजरात रणजी टीम का भी हिस्सा रहे देसाई ने हाल में एनसीए ट्रेनर्स परीक्षा पास  की थी जिसका प्रश्न पत्र बासु ने तैयार किया था। इसके बाद सवाल उठाए गए थे कि देसाई की नियुक्ति हितों के टकराव के अंतर्गत आती है कि नहीं। पता चला है कि समिति के एक सदस्य ने आज श्रीधर से देसाई की नियुक्ति के बारे में पूछा।
 
समिति के एक सदस्य ने नाम जाहिर नहीं करने की शर्त पर बताया, ‘श्रीधर से विशिष्ट तौर पर पूछा गया कि देसाई बासु के निजी जिम से जुड़े हैं या नहीं। श्रीधर ने जवाब दिया कि बीसीसीआई ने जो परीक्षा कराई थी उसमें उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहा। 
 
इस पर कोषाध्यक्ष अनिरुद्ध चौधरी ने सवाल किया 'ट्रेनर्स की परीक्षा के लिए प्रश्न पत्र किसने तैयार किया था?' श्रीधर ने जवाब दिया 'वह बासु थे, जिन्होंने प्रश्न पत्र तैयार किया था।’ 
 
चेन्नई में भारतीय टीम के साथ मौजूद बासु प्रतिक्रिया के लिए उपलब्ध नहीं थे लेकिन जब देसाई से बासु के निजी व्यवसायिक उपक्रम में भूमिका के बारे में संपर्क किया गया तो वह बचाव की मुद्रा में आ गए।
 
देसाई ने कहा, ‘मैं टिप्पणी नहीं कर पाऊंगा क्योंकि मैं बीसीसीआई से अनुबंधित हूं। आप डा.  श्रीधर से क्यों नहीं पूछते।’ श्रीधर ने कहा कि देसाई की नियुक्ति के दौरान उचित प्रक्रिया  अपनाई गई। उन्होंने कहा, ‘वह लड़का परीक्षा में दूसरे नंबर पर आया और इसलिए उसे काम  मिला। मुझे नहीं लगता कि इसमें हितों का टकराव है।’ सीआईओ राहुल जौहरी ने कहा कि वह  इस मामले को देखेंगे।
 
प्रशासकों की समिति ने हितों के टकराव को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। बीसीसीआई के वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘यह काफी रोमांचक पैटर्न है। जो व्यक्ति प्रश्न पत्र तैयार करता है वह टीम इंडिया का ट्रेनर है। और एक उम्मीदवार जो शीर्ष स्थानों पर रहता है वह उनके निजी जिम में काम करता है। अब अगर यह हितों का टकराव नहीं है तो फिर क्या है। उम्मीद करते हैं कि सीओए इस पर गौर करेंगे।’
 
इस बीच कार्यवाहक सचिव अमिताभ चौधरी से भी कुछ पदाधिकारियों ने पूछा कि एनसीए  अध्यक्ष निरंजन शाह को बैठक के लिए क्यों नहीं बुलाया गया। पता चला है कि चौधरी ने  अपने बचाव में कहा कि उन्होंने शाह को सूचित करने के लिए बीसीसीआई कार्यालय को कह दिया था लेकिन बैठक के दौरान मौजूद कुछ अधिकारियों को यह जवाब विश्वसनीय नहीं लगा।
 
इस बीच पता चला है कि बीसीसीआई राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के निदेशक पद पर  नियुक्ति के लिए कोर्न फेरी एजेंसी की सेवाएं लेने की योजना बना रहा है। (भाषा) 

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