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मुआवजे के दावे पर पीसीबी हुआ शर्मसार

मुआवजे के दावे पर पीसीबी हुआ शर्मसार
, रविवार, 22 अक्टूबर 2017 (17:54 IST)
कराची। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) 2015 से 2023 के बीच 6 द्विपक्षीय श्रृंखला के आयोजन के लिए हुए एमओयू का सम्मान नहीं करने के लिए बीसीसीआई से मुआवजा मांगने की अपनी योजना को लेकर शर्मनाक स्थिति में घिर गया है।
 
पूर्व अध्यक्ष शहरयार खान ने पीसीबी को अजीब स्थिति में डाल दिया, जब इस हफ्ते लाहौर में उन्होंने मीडिया से कहा कि बीसीसीआई के खिलाफ पाकिस्तान का मामला कमजोर है और उसे मुआवजा मिलने की संभावना नहीं है।
 
शहरयार ने कहा कि पाकिस्तान का मामला कमजोर है, क्योंकि एमओयू में नियम है कि दोनों देशों के बीच सभी श्रृंखलाएं सरकार से स्वीकृति मिलने पर निर्भर करेंगी। बीसीसीआई लगातार कहता रहा है कि वह तब तक पाकिस्तान से नहीं खेल सकता, जब तक कि उसकी सरकार द्विपक्षीय क्रिकेट के लिए स्वीकृति नहीं दे देती।
 
गौरतलब है कि शहरयार के कार्यकाल के दौरान ही कुछ महीने पहले पीसीबी के संचालन मंडल ने आईसीसी की विवाद निवारण समिति में मुआवजे का दावा डालने को स्वीकृति दी थी और मुआवजे के तौर पर 7 करोड़ डॉलर मांगे थे। शहरयार और संचालन मंडल ने साथ ही मामले को दायर करने और लड़ने के कानूनी खर्चे के लिए 10 लाख डॉलर की राशि को भी स्वीकृति दी थी। 
 
मीडिया में शहरयार की प्रतिक्रिया आने के तुरंत बाद पीसीबी ने पूर्व अध्यक्ष पर अपना रुख बदलने का दबाव बनाया जबकि मौजूदा अध्यक्ष नजम सेठी ने भी अपने पूर्ववर्ती के स्पष्टीकरण को ट्वीट किया जिसमें उन्होंने इससे इंकार किया था कि उन्होंने कभी ऐसा कहा है कि भारत के खिलाफ पाकिस्तान का मामला कमजोर है।
 
शहरयार ने बयान जारी करके कहा कि मैं अपने हवाले से मीडिया में आए बयान को खारिज करता हूं जिसमें कहा गया था कि बीसीसीआई के खिलाफ पीसीबी का मामला कमजोर है तथा मैं इस तरह की चीज कैसे कह सकता हूं? जबकि तथ्य यह है कि अध्यक्ष के रूप में और पीसीबी के संचालन मंडल से स्वीकृति के बाद मैंने पीसीबी के वकील और ब्रिटेन के प्रतिष्ठित क्यूसी की सलाह पर मामला तैयार करने को स्वीकृति दी थी जिनका मानना था कि भारत के खिलाफ पीसीबी का मामला मजबूत है। 
 
शहरयार ने कहा कि मीडिया को मेरी टिप्पणी को तोड़-मरोड़कर पेश नहीं करना चाहिए और पीसीबी की स्थिति को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहिए। लेकिन पीसीबी के लिए स्थिति उस समय बदतर हो गई, जब टीवी चैनलों ने वीडियो फुटेज दिखा दी और इसे सोशल मीडिया पर भी डाल दिया जिसमें शहरयार कह रहे है कि कुछ मामलों में मुआवजे का पीसीबी का दावा कमजोर है।
 
उन्होंने कहा कि क्योंकि (एमओयू में) लिखा हुआ है कि श्रृंखला दोनों सरकारों (भारत और पाकिस्तान) की स्वीकृति से होगी और वे (बीसीसीआई) इसका हवाला दे सकते हैं और कह सकते हैं कि हम नहीं आ सकते, क्योंकि हमारी सरकार हमें एनओसी नहीं दे रही। (भाषा) 

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