कराची। पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (पीसीबी) आईसीसी के अगले भविष्य के दौरा कार्यक्रम (एफटीपी) में पांच से छह टूर्नामेंटों की मेजबानी हासिल करने की कोशिश में लगा है और इसके लिए वह संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से बात कर रहा है।
पीसीबी का प्रयास है कि 2023 से 2031 के बीच होने वाली अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) प्रतियोगिताओं के लिए वह और यूएई संयुक्त मेजबानी के लिए दावा करें। उसे इनमें से एक या दो प्रतियोगितिाओं की मेजबानी मिलने की उम्मीद है।
पीसीबी चेयरमैन एहसान मनी ने पीसीबी पोडकास्ट में कहा, ‘हमने पांच से छह प्रतियोगिताओं की मेजबानी में दिलचस्पी दिखाई है और सच कहूं तो संभावना है कि हमें एक या दो से ज्यादा नहीं मिलें। लेकिन हमने इसके लिए एक अन्य देश के साथ संयुक्त रूप से बोली लगाने के बारे में सोचा है।’
उन्होंने कहा, ‘मैंने एमिरेट्स क्रिकेट बोर्ड के साथ बात शुरू कर दी है क्योंकि एक साथ बोली लगाने से मेजबानी का मौका बढ़ जाएगा लेकिन इसके लिए सहयोग की जरूरत है।’ मनी ने कहा, ‘कुछ प्रतियोगिताएं हैं जिनमें 16 मैच होंगे जबकि कुछ टूर्नामेंट में 30 से 40 मैच होने हैं। हमें जिस तरह के टूर्नामेंट की भी मेजबानी मिले हम मैचों को अपने आपस में बांट सकते हैं।’
आईसीसी ने 2023 से 2031 तक होने वाली अपनी 20 वैश्विक प्रतियोगिताओं के लिए सदस्य देशों को 15 मार्च तक अपना पक्ष पेश रखने के लिए कहा था लेकिन कोरोना वायरस महामारी के कारण यह बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई है। मनी ने कहा, ‘पाकिस्तान क्रिकेट और उसके विकास के लिए जरूरी है कि यहां कुछ आईसीसी प्रतियोगिताएं खेली जाएं।’
पाकिस्तान 1952 में आईसीसी का सदस्य बना था और उसने अब तक दो वैश्विक प्रतियोगिताओं विश्व कप 1987 और 1996 की संयुक्त मेजबानी की है। वह विश्व कप 2011 का भी संयुक्त मेजबान था लेकिन लाहौर में 2009 में श्रीलंकाई टीम पर आतंकी हमले के बाद टीमों ने सुरक्षा कारणों से पाकिस्तान जाने से इन्कार कर दिया था। बाद में भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका ने विश्व कप 2011 की संयुक्त मेजबानी की थी। (भाषा)