एडिलेड। भारतीय क्रिकेट टीम आज जब ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे वनडे मैच में बुरी तरह 'भंवर' में फंस गई थी, ऐसे समय पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी ने धैर्य नहीं खोया और 'मैच फिनिशर' की भूमिका अदा की। धोनी ने साबित कर दिया कि 'हीरा' कितने ही सालों पुराना क्यों न हो, उसकी चमक कभी फीकी नहीं पड़ती। वे टीम इंडिया के 'कोहिनूर' है।
कप्तान विराट कोहली और धोनी टीम इंडिया को जीत के दरवाजे की तरफ ले जा रहे थे, तभी रिचर्डसन की गेंद पर छक्का लगाने के प्रयास में विराट 104 रनों के निजी स्कोर पर मैक्सवेल के हाथों कैच आउट हो गए। भारत ने 242 रनों के कुल स्कोर पर चौथा विकेट गंवाया और यहीं पर आशंका जन्म लेने लगी थी कि कहीं टीम इंडिया यह मैच हार न जाए?
मैदान पर धोनी का साथ निभाने के लिए दिनेश कार्तिक पहुंचे। धोनी ने अपने क्रिकेट कॅरियर का तमाम तर्जुबा दांव पर लगाया और कार्तिक के साथ 57 रनों की अविजित साझेदारी करके भारत को 6 विकेट से जीत दिलाकर ही मैदान से बाहर लौटे।
विराट कोहली और महेंद्र सिंह धोनी के बीच चौथे विकेट के लिए 82 रनों की भागीदारी ने भी भारत की जीत में अहम किरदार अदा किया। धोनी ने धीमी शुरुआत जरूर की लेकिन जैसे-जैसे वक्त गुजरता गया, उन्होंने खुद को परिस्थिति के अनुरुप ढाल लिया और जब तेजी से रन बनाने का समय आया तो उसमें वे फिनिशर बनकर उभरे।
अंतिम ओवर के आते आते मैच बेहद रोमांचक हो गया था। भारत को जीत के लिए 6 गेंदों में 7 रन की जरूरत थी। धोनी ने जेसन बेहरेनडोर्फ की पहली ही गेंद पर छक्का उड़ाकर जीत टीम इंडिया की तश्तरी में परोस दी। अगली गेंद पर एक रन लेकर ड्रेसिंग रूम के साथी खिलाड़ियों को जश्न मनाने का मौका दे दिया।
धोनी 54 गेंदों पर 55 रन बनाकर नाबाद रहे, जिसमें 2 छक्के शामिल थे। धोनी की सधी हुई बल्लेबाजी के कायल भारत ही नहीं ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट प्रेमी भी हो गए। पूर्व कप्तान ने साबित कर दिया कि उनके बल्ले और बाजुओं में आज भी कितना दम है। धोनी के साथ दूसरे छोर पर दिनेश कार्तिक भी 14 गेंदों पर 25 रन के साथ नाबाद लौटे। एडिलेड में आज विराट कोहली औरय धोनी जुझारू पारी लंबे अरसे तक याद रहेगी। (वेबदुनिया न्यूज)