कुलदीप लंबे समय से टेस्ट टीम से बाहर चल रहे थे। उन्हें हाल ही में संपन्न हुए भारत और ऑस्ट्रेलिया टेस्ट सीरीज के लिए टीम में लिया गया था लेकिन एक भी मुकाबले में वह अंतिम एकादश में शामिल नहीं रहे थे। कुलदीप ने आखिरी बार 2018-19 के ऑस्ट्रेलियाई दौरे में टेस्ट मैच खेला था।
7 टेस्ट मैचों में 26 विकेट ले चुके 26 वर्षीय कुलदीप यादव को लगभग मौका मिल ही गया था कि पहला टेस्ट शुरु होने से पहले ऑलराउंडर अक्षर पटेल बाहर हो गए और उनकी जगह एक अन्य लेफ्ट ऑर्म स्पिनर शाहबाज नदीम को प्लेइंग 11 में शामिल कर लिया गया।
जनवरी 2019 में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ कुलदीप ने अपना आखिरी मैच सिडनी में खेला था। कुलदीप ने उस मुकाबले में पहली पारी में 99 रन देकर पांच विकेट हासिल किए थे। उसके बाद से उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि उन्हें इतने लंबे वक्त तक मैदान पर उतरने का इंतजार करना पड़ेगा।
खैर, जैसे तैसे कुलदीप यादव को अंतिम 11 में खेलने का मौका मिल गया। मैदान पर उतरने के बाद भी उनको बहुत कम गेंदबाजी करवाई गई। पहली पारी में सिर्फ 6 ओवर करवाने के बाद दूसरी पारी में भी कोहली की तरफ गेंद नहीं फेंक रहे थे।इससे टीम इंडिया के फैंस का दिल भर आया उन्होंने कुलदीप के लिए कुछ ऐसे ट्वीट्स लिखे-
ट्वीट्स का कमाल कहिए या संयोग लेकिन कोहली ने अंतत कुलदीप से ओवर करवाया। इस बार भी उनसे लगभग 6 ओवर की करवाए लेकिन इस बार कुलदीप ने 2 विकेट झटके। यह विकेट कुलदीप के आत्मविश्वास के लिए बहुत जरूरी थे।
इस सीरीज की शुरुआत में ही कुलदीप कह चुके थे कि अगर वह इंग्लैंड के खिलाफ चेन्नई में मैदान पर उतरते हैं तो उनके लिए यह एक बार फिर से पदार्पण करने जैसा होगा।
कुलदीप ने कहा था कि पदार्पण करने में अजीब सी बैचेनी होती है और वह वैसा ही महसूस कर रहे हैं। ऐसे मौके पर दबाव भी होता है। टीम संयोजन को देखते हुए खिलाड़ी को समझना पड़ता है कि उन्हें क्यों बाहर रखा गया है। जब खिलाड़ी नहीं खेल रहे होते हैं तो टीम प्रबंधन के लिए उस खिलाड़ी पर ध्यान केंद्रित करना आसान नहीं होता लेकिन कुलदीप ने खुद को भाग्यशाली माना कि उनके साथ ऐसा नहीं हुआ। (वेबदुनिया डेस्क)