सेंचुरियन। दक्षिण अफ्रीका के आक्रामक बल्लेबाज हेनरिक क्लासेन ने भारत के खिलाफ दूसरे टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच के दौरान अपने अंदर का भय मिटाने के लिए जेपी डुमिनी को श्रेय दिया और कहा कि उनकी मैच विजेता पारी में कप्तान की भूमिका अहम रही।
क्लासेन ने 30 गेंदों पर 69 रन बनाए जिससे दक्षिण अफ्रीका ने 6 विकेट से जीत दर्ज करके 3 मैचों की श्रृंखला 1-1 से बराबर की। उन्होंने डुमिनी के साथ तीसरे विकेट के लिए 97 रनों की साझेदारी की। क्लासेन ने कहा कि मेरी पारी में डुमिनी की भूमिका अहम रही। मैंने जो पहला या दूसरा ओवर खेला तो उसने मुझसे कहा कि इस ओवर में 10 रन बनने चाहिए।
उसने कहा कि में अपना नैसर्गिक क्रिकेट खेलूं और गेंदबाजों पर हावी होकर बल्लेबाजी करूं। सौभाग्य से गुरुवार को यह रणनीति चल गई। उन्होंने कहा कि जिस तरह से जेपी ने मुझसे कहा कि इस ओवर में 20 रन बनने चाहिए, उससे मेरे अंदर का डर बाहर निकल गया। इसके अलावा चित्त शांत रखना भी जरूरी था। एक समय ऐसा था, जब मैं अच्छे शॉट लगा रहा था।
क्लासेन ने कहा कि वे (भारतीय गेंदबाज) काफी कुशल गेंदबाज हैं और इसलिए उनकी हर गेंद पर रन बनाना आसान नहीं था। विकेटकीपर बल्लेबाज क्लासेन ने यह पारी अपने घरेलू मैदान पर खेली और इसलिए उनके लिए इसका महत्व बढ़ गया।
उन्होंने कहा कि अपने घरेलू मैदान पर मैच विजेता पारी खेलना निश्चित तौर पर किसी भी खिलाड़ी का सपना होता है। यह सोने पे सुहागा जैसा था। क्लासेन को क्विंटन डिकॉक के चोटिल होने के कारण टीम में जगह मिली और उन्होंने इस मौके का पूरा फायदा उठाया।
वे अभी हालांकि डिकॉक की जगह लेने के बारे में नहीं सोच रहे हैं। उन्होंने कहा कि वह विश्वस्तरीय खिलाड़ी है और हमारी टीम को विशेषकर शीर्ष क्रम में उसकी कमी खल रही है। मुझे नहीं लगता कि उसे अभी किसी तरह की चिंता करने की जरूरत है। (भाषा)