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युजवेंद्र चहल ने ढूंढी मैक्सवेल की कमजोरी

युजवेंद्र चहल ने ढूंढी मैक्सवेल की कमजोरी
, बुधवार, 27 सितम्बर 2017 (22:56 IST)
बेंगलुरु। युजवेंद्र चहल ने वर्तमान एकदिवसीय श्रृंखला में ग्लेन मैक्सवेल को आउट करने में देर नहीं लगाई है और हरियाणा के इस लेग स्पिनर ने कहा कि ऑस्ट्रेलिया के इस विस्फोटक बल्लेबाज को ऑफ स्टंप से बाहर जाती गेंदों को खेलने में दिक्कत होती है।
 
चहल ने अब तक खेले गए तीनों मैचों में मैक्सवेल को आउट किया। यह ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज लगातार दो मैचों में स्टंप आउट किया। चहल ने चौथे वनडे की पूर्व संध्या पर कहा, मैक्सवेल के लिए मेरी रणनीति स्टंप पर गेंदबाजी करने की नहीं होती है। ऐसा करने से नुकसान होगा। 
 
चहल के अनुसार मैं मैक्सवेल के लिए ऑफ स्टंप से बाहर गेंद करता हूं और मैं अपनी गति में बदलाव करता हूं। मैं जानता हूं कि अगर मैं दो-तीन गेंदें खाली डाल देता हूं तो वह बाहर आकर लंबा शॉट खेलना चाहेंगे। हालांकि बल्लेबाजों को झांसा देने के लिए आपकी लाइन और लेंथ अच्छी होनी चाहिए। 
 
उन्होंने कहा कि मैक्सवेल के अलावा डेविड वॉर्नर अब भी खतरा होंगे भले ही वह नहीं चल पा रहे हैं। चहल ने कहा, वॉर्नर ऑस्ट्रेलिया के मुख्य खिलाड़ी है। जब वह क्रीज पर पांव जमा लेते हैं तो बड़ी पारी खेलते हैं। इंदौर में भले ही आरोन फिंच ने शतक जमाया लेकिन वॉर्नर सबसे खतरनाक खिलाड़ी हैं। 
 
चहल ने कहा, उन्हें आईपीएल में खेलने का अनुभव है और उनकी मानसिकता आक्रमण करने की है। अगर वह 40 से 50 गेंदें खेल लेते हैं तो 70 से 80 रन बना सकते हैं। हमारी रणनीति वॉर्नर को जल्दी आउट करने की है ताकि हम बीच के ओवरों में दबाव बना सकें। 
 
ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पलड़ा भारी होने के बारे में चहल ने कहा कि भारतीय स्पिनरों ने अंतर पैदा किया जिन्होंने अब तक 13 विकेट लिए हैं। हमने उनकी तुलना में परिस्थितियों का बेहतर उपयोग किया। यह हमारे लिए फायदे की बात रही। एडम जंपा उनकी टीम में एकमात्र कलाई का स्पिनर है और वह नियमित तौर पर टीम में नहीं रहे।
 
चहल का मानना है कि जब बल्लेबाज अच्छा स्कोर खड़ा करते हैं तो इससे गेंदबाजों का मनोबल बढ़ता है। अगर बल्लेबाज अच्छा स्कोर बनाते हैं तो इससे गेंदबाजों का अच्छी गेंदबाजी करने के लिए मनोबल बढ़ता है। बीच के ओवरों में हमने बहुत अच्छी गेंदबाजी की चाहे वह श्रीलंका श्रृंखला हो या वर्तमान श्रृंखला।  
 
चहल ने कहा कि चिन्नास्वामी स्टेडियम के विकेट की प्रकृति पिछले दो साल में बदली है और इससे स्पिनरों को कुछ मदद मिलने लग गई है। विकेट से अब स्पिनरों को अधिक टर्न मिलता है। यह थोड़ा धीमा है जैसा कि पहले नहीं था। बाउंड्री थोड़ी छोटी हैं लेकिन अगर विकेट से मदद मिलती है तो आप विकेट ले सकते हो। (भाषा)

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