Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

फर्जी डिग्री मामले में क्रिकेटर स्टार और DSP हरमनप्रीत ने साधी चुप्पी

फर्जी डिग्री मामले में क्रिकेटर स्टार और DSP हरमनप्रीत ने साधी चुप्पी
मोहाली , मंगलवार, 3 जुलाई 2018 (21:35 IST)
मोहाली। भारतीय महिला क्रिकेट ट्वंटी-20 टीम की कप्तान और अर्जुन अवार्डी हरमनप्रीत कौर ने उनकी स्नातक की डिग्री पंजाब सरकार द्वारा कराई गई जांच में कथित तौर पर फर्जी पाए जाने के मामले में चुप्पी साध ली है।
 
आईटीसी कम्पनी द्वारा प्रायोजित गिनीज वर्ल्ड रिकार्ड के मंगलवार को यहां एक कार्यक्रम बतौर मुख्य अतिथि भाग लेने आईं पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) हरमनप्रीत ने उनकी फर्जी डिग्री को लेकर मीडिया के सवालों पर कोई प्रतिक्रिया व्यक्त नहीं की तथा कार्यक्रम की समाप्ति के बाद वहां से कार में फर्राटे से निकल गई।
      
स्नातक की डिग्री फर्जी पाए जाने का मामला आज अखबारों से लेकर टीवी चैनलों की सुर्खियां बनने के बाद बड़ी संख्या में मीडियाकर्मी यहां इस कार्यक्रम में पहुंचे हुए थे जहां हरमनप्रीत को बतौर मुख्यातिथि शामिल होना था। जैसे वह कार्यक्रम स्थल पर पहुंची तो वहां मौजूद बड़ी संख्या में मीडियाकर्मियों को अपनी आेर आते देख वह वैनिटी वैन में जा छिपीं। 
      
मीडियाकर्मी भी फर्जी डिग्री को लेकर उसकी प्रतिक्रिया जानने के लिए काफी देर तक वैनिटी वैन को घेरे रहे लेकिन यह स्टार बल्लेबाज बाहर आने और बात करने का साहस नहीं जुटा सकी। अंतत: मीडियाकर्मियों को इस बात के राजी कर लिया गया कि हरमनप्रीत कार्यक्रम में भाग लेने के बाद उनके सवालों का जवाब देगी। 
      
लेकिन जैसे ही कार्यक्रम समाप्त हुआ तो हरमनप्रीत को कड़ी सुरक्षा के बीच मीडिया के समक्ष लाया गया लेकिन वह कार्यक्रम के सम्बंध तो कुछ बोली लेकिन फर्जी डिग्री मामले को लेकर सवालों को टाल गईं और वहां से आनन फानन में निकलीं और कार में बैठ कर नौ दो ग्यारह हो गईं।
 
राज्य की मोगा निवासी हरमनप्रीत को गत एक मार्च को स्वयं मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और पुलिस महानिदेशक सुरेश अरोड़ा ने एक कार्यक्रम में राज्य पुलिस में डीएसपी के रूप में ज्वाईन कराया था। लेकिन चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की स्नातक की जो डिग्री उन्होंने नौकरी के लिए पंजाब पुलिस को दी वह जांच में कथित तौर पर फर्जी पाई गई। 
        
विश्वविद्यालय ने पंजाब सरकार को भेजी अपनी रिपोर्ट में कहा है कि डिग्री पर जो पंजीकरण संख्या दर्शाई गई है वह उसके रिकार्ड में नहीं है। विश्वविद्यालय के इस सनसनीखेज खुलासे के बाद हरमनप्रीत की प्रतिष्ठा पर जहां गहरी आंच आई है वहीं उसकी डीएसपी की नौकरी भी खतरे में दिखाई दे रही है।
        
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष जुलाई में इंग्लैंड के डर्बी में आईसीसी महिला विश्व कप क्रिकेट के सेमीफाइनल में हरमनप्रीत ने आस्ट्रेलियाई गेंदबाजों की धज्जियां उड़ाते हुए 115 गेंदों में नाबाद 171 रन बनाए थे। हरमरप्रीत की इस तूफानी पारी के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री ने उन्हें राज्य पुलिस में डीएसपी की नौकरी देने की घोषणा की थी। हरमनप्रीत उस समय पश्चिमी रेलवे में कार्यरत थीं और वहां उसका पांच साल का बाँड था। 
        
हरमनप्रीत ने हालांकि गत वर्ष रेलवे की नौकरी से त्यागपत्र दे दिया था लेकिन उन्हें रिलीव नहीं किया गया क्योंकि बोर्ड की शर्तों के अनुसार उन्हें पांच साल का वेतन रेलवे को वापस देना था। चूंकि हरमनप्रीत के इस नौकरी में लगभग तीन साल ही पूरे हुए थे इस पर राज्य के मुख्यमंत्री ने यह मामला स्वयं रेल मंत्री पीयूष गोयल के समक्ष उठाया ताकि वह पुलिस की नौकरी ज्वाईन कर सके।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

युवराज सिंह ने अनोखे ढंग से दी हरभजन सिंह को जन्मदिन की बधाई