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ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या इस पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज के कारण बने बेहतर कप्तान

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सोमवार, 9 जनवरी 2023 (13:49 IST)
राजकोट:भारतीय टीम के कप्तान हार्दिक पांड्या ने उनकी कप्तानी में "बड़ा बदलाव" लाने का श्रेय गुजरात टाइटन्स में उनके कोच आशीष नेहरा को दिया है।पांड्या ने श्रीलंका के खिलाफ सीरीज जीतने के बाद  कहा, "मैंने कभी जूनियर क्रिकेट में भी कप्तानी नहीं की थी। जब मैं अंडर-16 में था, मैंने बड़ौदा की कप्तानी की थी। उसके बाद सबको लगा कि मुझे अपने क्रिकेट पर ध्यान देना चाहिये, और तब से मैं कभी कप्तान की भूमिका में नहीं आया।"
 
उन्होंने कहा, "गुजरात के नजरिये से देखा जाये तो जो सबसे जरूरी चीज रही है, वह मेरे कोच थे जिनके साथ मैंने काम किया। आशीष नेहरा मेरे जीवन में बड़ा बदलाव लेकर आये हैं। हम दो अलग-अलग लोग हो सकते हैं, लेकिन जब बात क्रिकेट की आती है तो हमारा नजरिया और सोच काफी मिलते-जुलते हैं।"
 
आईपीएल 2022 में पहली बार उतरी गुजरात टाइटन्स ने पांड्या-नेहरा की अगुवाई में खिताब अपने नाम किया था। उसके बाद से पांड्या आठ टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में भारत की अगुवाई कर चुके हैं। इनमें से छह में उन्हें जीत मिली है, जबकि एक में हार और एक मुकाबला टाई रहा है।
 
पांड्या ने कहा, "उनके साथ रहने से मेरी कप्तानी में वजन आ गया। मैं हमेशा से खेल को समझ सकता था लेकिन मुझे भरोसे की जरूरत थी। उन्होंने उन चीजों पर विश्वास जताया जो मैं पहले से जानता था, जिससे मुझे मदद मिली।"
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Hardik Pandya applauds Ashish Nehra for his influence as a coach.@hardikpandya7 | #AshishNehra | #CricketTwitter pic.twitter.com/NbWpSK9p2k

— CricTracker (@Cricketracker) January 8, 2023 >
भारत ने श्रीलंका को टी20 सीरीज के निर्णायक मैच में शनिवार को 91 रन से रौंद दिया था। उपकप्तान सूर्यकुमार यादव ने जहां 51 गेंदों पर नाबाद 112 रन की विस्फोटक पारी खेली, वहीं टीम में नये आये राहुल त्रिपाठी ने भी 16 गेंदों पर 35 रन का महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
 
सलामी बल्लेबाज ईशान किशन और शुभमन गिल को जहां शुरुआती ओवरों में संघर्ष करना पड़ा, वहीं अपना दूसरा मैच खेल रहे त्रिपाठी ने आक्रामक रुख अपनाते हुए अपनी पारी में पांच चौके और दो छक्के जड़े  थे।
 
पांड्या ने त्रिपाठी की बल्लेबाजी के बारे में कहा, "सब जानते हैं कि सूर्य ने क्या किया, लेकिन राहुल त्रिपाठी का भी उल्लेख जरूरी है। उन्होंने जो रवैया अपनाया, वह खेल को पलट सकता है। अगर आप शुरुआती दो ओवर देखते तो गेंद हरकत कर रही थी। बाहर बैठे लोगों को लगा कि विकेट में गेंदबाजों के लिये मदद है, लेकिन त्रिपाठी के बल्लेबाजी के तरीके की वजह से गेंदबाजों ने अपना टप्पा बदला और थोड़ी ही देर में गेंद ने हरकत करना बंद कर दी। इसके बाद मैच श्रीलंका की पकड़ से दूर जाता गया।"(वार्ता) 

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