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फिल्में कभी भी मेरा जुनून नहीं थी,12वीं फेल डायरेक्टर के बेटे ने चुना अलग रास्ता

विधु विनोद चोपड़ा और अनुपमा चोपड़ा के बेटे अग्नि चोपड़ा रणजी ट्रॉफी प्लेट ग्रुप में परचम लहरा रहे हैं। 25 वर्षीय ने पिछले 5 मैचों में 5 शतक लगाए हैं और उनका ध्यान IPL कॉन्ट्रैक्ट पर केंद्रित है

फिल्में कभी भी मेरा जुनून नहीं थी,12वीं फेल डायरेक्टर के बेटे ने चुना अलग रास्ता

WD Sports Desk

, गुरुवार, 1 फ़रवरी 2024 (11:37 IST)
(Image Source : Agnidev Chopra Instagram)

Agnidev Chopra : रणजी ट्रॉफी के मौजूदा सत्र में अपने बल्ले से लगातार बड़ी पारियां खेलने वाले फिल्मकार विधु विनोद चोपड़ा (Vidhu Vinod Chopra) के बेटे अग्निदेव चोपड़ा (Agnidev Chopra) ने बुधवार को कहा कि फिल्मों को लेकर वह कभी जुनूनी नहीं रहे और वह हमेशा से क्रिकेटर बनना चाहते।
 
 घरेलू क्रिकेट में मिजोरम का प्रतिनिधित्व कर रहे पच्चीस साल के अग्नि ने प्रथम श्रेणी (First Class Cricket) के अपने पदार्पण सत्र में चार मैचों में 767 रन बना डाले हैं। उन्होंने इस दौरान  166 एवं 92, 164, 114, 105 एवं 101 रन की पारियां खेली है।

हार ना मानने की जज्बे को दर्शाती विधु विनोद की हालिया फिल्म ‘12वीं फेल’ (12th Fail) पिछले कुछ समय से सुर्खियों में है और फिल्म का ‘रीस्टार्ट’ गाना काफी लोकप्रिय हुआ है।
 
अग्नि को आसानी से बॉलीवुड में काम मिल जाता लेकिन क्रिकेट में ‘रीस्टार्ट’ का मौका मिलने पर वह चूकना नहीं चाहते थे।
 
उन्होंने पीटीआई-भाषा को दिए साक्षात्कार में कहा, ‘‘ मुझसे बचपन से यह सवाल पूछा जाता रहा है कि क्या आप फिल्मों में जाएंगे लेकिन मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं कभी फिल्मों में आऊंगा। मैंने कभी नहीं सोचा था कि मेरे पिता फिल्में बनाते हैं तो यह मेरे लिए एक आसान रास्ता होगा।’’
 
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे फिल्मों में कभी दिलचस्पी नहीं थी। मेरा मतलब है कि मुझे फिल्में देखना और अच्छा समय बिताना पसंद है लेकिन यह कभी मेरा जुनून नहीं रहा।’’
 
अग्नि से जब पूछा गया कि ‘परिंदा’, ‘1942-ए लव स्टोरी’, ‘थ्री इडियट्स (निर्माता)’ और हाल ही में ‘12वीं फेल’ जैसी शानदार फिल्में बनाने वाले पिता ने क्या सलाह दी तो उन्होंने कहा, ‘‘जब हम छोटे थे तो मेरे पिताजी ने मुझे और मेरी बहन को वही बताया था जो उनके पिता ने उनसे कहा था। उन्होंने का, ‘अगर तुम्हें सड़क पर मोची बनाना है, अपने सड़क का सबसे अच्छा मोची बनाना’।’’
 
अग्नि ने कहा, ‘‘उन्होंने हमें वह करने की आजादी दी जो हम चाहते थे लेकिन उन्होंने हमसे कहा कि अपने क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ बनने का प्रयास करें।’’
 
अग्नि ने मुंबई अंडर-19 और अंडर-23 के लिए खेला है। उन्होंने हालांकि यह स्वीकार किया कि मुंबई के लिए आयु वर्ग में उनका पिछला सत्र खराब रहा था। इसके बाद उनके कोच खुशप्रीत सिंह ने उनसे कहा था कि बेहतर होगा कि वह मुंबई के प्रतिनिधित्व का इंतजार छोड़कर ऐसी टीम के लिए खेलें जहां उन्हें ‘खेलने का मौका मिले’।
 
प्लेट ग्रुप में गेंदबाजी का स्तर निश्चित रूप से एलीट ग्रुप से काफी नीचे है, लेकिन फिर भी अग्नि के पास अपने तर्क है।
 
उन्होंने कहा, ‘‘लोग वही कहेंगे जो उन्हें कहना है लेकिन यह मायने रखता है कि आपका प्रदर्शन कैसा है। कई खिलाड़ी हैं जो इसी डिवीजन में खेल रहे हैं और उतने रन नहीं बना रहे हैं। मानक सभी के लिए समान है।’’ (भाषा)

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