मुंबई: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने लैंगिक समानता की ओर ऐतिहासिक कदम उठाते हुए महिला एवं पुरुष क्रिकेटरों को समान मैच वेतन देने का फैसला किया है।
बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने गुरुवार को इसकी घोषणा करते हुए कहा, "मुझे भेदभाव से निपटने की दिशा में बीसीसीआई के पहले कदम की घोषणा करते हुए खुशी हो रही है। हम अनुबंधित महिला क्रिकेटरों के लिए समान वेतन नीति लागू कर रहे हैं। क्रिकेट में लैंगिक समानता के एक नये युग में प्रवेश करते हुए पुरुष और महिला क्रिकेटरों दोनों के लिए मैच फीस समान होगी।"शाह ने कहा, "बीसीसीआई महिला क्रिकेटरों को उनके पुरुष समकक्षों के समान मैच फीस का भुगतान किया जाएगा।"
उन्होंने बताया कि बीसीसीआई अनुबंधित खिलाड़ियों को टेस्ट मैचों के लिये 15 लाख रुपये, एकदिवसीय मैचों के लिये छह लाख रुपये और टी20 मैचों के लिये तीन लाख रुपये देगा। शाह ने कहा, "वेतन समानता हमारी महिला क्रिकेटरों के लिए मेरी प्रतिबद्धता थी और मैं एपेक्स काउंसिल को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।"
उल्लेखनीय है कि न्यूज़ीलैंड क्रिकेट (एनज़ेडसी) महिला एवं पुरुष खिलाड़ियों के लिये समान मैच फीस की घोषणा करने वाला पहला बोर्ड है। एनज़ेडसी ने इस साल जुलाई में खिलाड़ी संघ के साथ पांच साल के समझौते पर हस्ताक्षर किये थे जिसके तहत महिला एवं पुरुष खिलाड़ियों को समान वेतन दिया जाएगा।
बीसीसीआई ने हालांकि वार्षिक अनुबंध में बदलाव करने की कोई घोषणा नहीं की है। वार्षिक अनुबंध के तहत ए-प्लस श्रेणी के अंतरराष्ट्रीय पुरुष खिलाड़ियों को प्रति वर्ष सात करोड़ रुपये दिये जाते हैं, जबकि ए श्रेणी के खिलाड़ियों को पांच करोड़, बी श्रेणी के खिलाड़ियों को तीन करोड़ और सी श्रेणी के खिलाड़ियों को एक करोड़ रुपये दिये जाते हैं।
बीसीसीआई की अंतरराष्ट्रीय महिला क्रिकेटरों के लिये ए-प्लस श्रेणी का वार्षिक अनुबंध नहीं है। ए श्रेणी की महिला खिलाड़ियों को 50 लाख, बी श्रेणी की महिला खिलाड़ियों को 30 लाख जबकि सी श्रेणी के वार्षिक अनुबंध वाली महिला खिलाड़ियों को 10 लाख रुपये दिये जाते हैं।(वार्ता)