भारत से होने वाली वनडे सीरीज में इंग्लैंड अपने दो प्रमुख अस्त्रों के बिना खेल रहा है। गेंदबाजी में जोफ्रा आर्चर और बल्लेबाजी में जो रूट। जोफ्रा आर्चर की कोहनी में चोट है और टीम मैनेजमेंट चाहती है कि वह अगली सीरीज में फिट होकर लौटें लेकिन रूट को रोटेशन पॉलिसी के तहत बाहर बैठाया गया है।
इंग्लैंड को साल 2021 में काफी क्रिकेट खेलना है, दिसंबर 2021 के अंत में एशेज भी प्रस्तावित है ऐसे में जो रूट को भारत के खिलाफ होने वाली वनडे सीरीज से आराम दे दिया गया है। लेकिन यह आराम इंग्लैंड टीम के लिए बहुत भारी पड़ रहा है। पहले वनडे में जो रूट की कम साफ तौर पर इंग्लैंड को खली।
गौरतलब है कि जो रूट बल्लेबाजी में विश्व के फैब फोर में शामिल हैं। कल जिस तरह की परिस्थिती में इंग्लैंड थी, रुट रन ए बॉल पारी खेलकर इंग्लैंड को यह मैच जिता सकते थे। उनके बिना इंग्लैंड का मध्यक्रम कमजोर नजर आता है। 135 पर बिना विकेट खोई इंग्लैंड 243 पर ऑल आउट हो गई।
वनडे में 50 की औसत के साथ 16 शतक जड़ने वाले जो रूट के बारे में इयॉन मॉर्गन ने भी पहले वनडे से पहले कहा था कि जो रूट की कमी काफी खलने वाली है क्योंकि वह मध्यक्रम को जोड़े रखते हैं, उन्हें रूट का स्थान भरने वाले खिलाड़ी की उम्मीद थी पर पहले वनडे में तो ऐसा नहीं हुआ।
भारतीय टीम ने भी रूट की गैरमौजूदगी का जमकर फायदा उठाया। उन्हें यह पता था कि अगर बेन स्टोक्स को सस्ते में आउट कर लिया जाए तो फिर इंग्लैंड का मध्यक्रम बेहद कमजोर है उसे जल्द तोड़ा जा सकता है। कप्तान इयॉन मॉर्गन तो अब तक फ्लॉप रहे हैं। खासकर शार्दुल ठाकुर ने उनको लगातार अपना शिकार बनाया है।
वैसे तो इंग्लैंड को कल जोफ्रा आर्चर की कमी भी बहुत खली क्योंकि भारत 205 रनों पर 5 विकेट गंवा चुका था और अंतिम 10 ओवरों में केएल राहुल और क्रुणाल पांड्या ने 112 रन जोड़ लिए। ऐसे में सटीक लाइन लेंग्थ की गेंदबाजी करने वाले गेंदबाज की इंग्लैंड को दरकार थी।
लेकिन 135 पर बिना विकेट खोए इंग्लैंड जब 2-3 विकेट खो चुका था तो उन्हें जो रूट बहुत याद आए होंगे। इंग्लैंड के बल्लेबाज अति आक्रमक हो कर अपना विकेट गंवाए जा रहे थे। अगर संभलकर पारी को आगे ले जाते तो शायद पहले वनडे का नतीजा इंग्लैंड के पक्ष में होता।
गौरतलब है कि रोटेशन पॉलिसी ने इंग्लैंड टीम का टेस्ट सीरीज में भी बेड़ा गर्क कर दिया था। बोर्ड ने बटलर को पहले मैच के बाद और मोइन अली को दूसरे मैच के बाद घर वापस बुला लिया था। इंग्लैंड अगर मुख्य खिलाड़ियों के साथ सीरीज खेलता तो शायद अपने घरेलू पिच पर होने वाली आईसीसी चैंपियन्स ट्रॉफी के फाइनल में जगह बना पाता।
जोफ्रा आर्चर का मामला तो समझ में आता है जो रूट तो चोटिल भी नहीं, उन्हें इस सीरीज से ड्रॉप करके इंग्लैंड ने खुद के पैर पर कुल्हाड़ी मारी है। गौरतलब है कि यह वनडे सीरीज वर्ल्ड सुपर सीरीज के अंतर्गत खेली जा रही है। इसके प्वाइंट्स विश्वकप 2024 में होने वाली सीरीज में प्रवेश दिलवाएंगे।
(वेबदुनिया डेस्क)