नई दिल्ली। अपनी विस्फोटक बल्लेबाजी से सीमित ओवरों की क्रिकेट में विशेष छाप छोड़ने वाले क्रिस गेल ने कहा कि टेस्ट क्रिकेट से अधिक चुनौतीपूर्ण कुछ भी नहीं है और यह ऐसा प्रारूप है जिससे आपको जिंदगी की जटिलताओं को समझने में मदद मिलती है।
भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के ऑनलाइन कार्यक्रम ‘ओपन नेट्स’ में मयंक अग्रवाल से बात करते हुए गेल ने कहा कि टेस्ट से मिले अनुभव के आगे बाकी चीजें फीकी हैं। गेल ने अपने करियर में 103 टेस्ट मैच खेले लेकिन 2014 के बाद उन्होंने लंबे प्रारूप में कोई मैच नहीं खेला है।
गेल ने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट सर्वश्रेष्ठ है। टेस्ट क्रिकेट खेलते हुए आपको यह सीखने का भी अवसर मिलता है कि जिंदगी कैसी जीनी है क्योंकि पांच दिवसीय क्रिकेट खेलना काफी चुनौतीपूर्ण है। यह आपकी कई तरह से परीक्षा लेता है। यह आपकी कई बार परीक्षा लेता है। यह सुनिश्चित करता है कि आप जो कुछ भी कर रहे हैं उसमें अनुशासित बने रहो।’ उन्होंने कहा, ‘यह आपको मुश्किल परिस्थितियों से वापसी करना भी सिखाता है।’
भारतीय कप्तान और इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) में गेल के पूर्व साथी विराट कोहली ने भी इसी तरह की बात की थी। उन्होंने दावा किया था कि इस पारंपरिक प्रारूप को खेलते हुए उन्होंने जिंदगी जीने के सबक सीखे। गेल पर हमेशा छोटे प्रारूपों पर ध्यान देने का आरोप लगता रहा लेकिन इस 40 वर्षीय क्रिकेटर ने युवाओं को टेस्ट क्रिकेट पर ध्यान देने की सलाह दी लेकिन साथ ही कहा कि इसमें इतना अधिक मगन नहीं होना है कि उन्हें इससे इतर जिंदगी कुछ न लगे।
उन्होंने कहा, ‘टेस्ट क्रिकेट से आपको अपने कौशल और मानसिक मजबूती का आकलन करने का मौका मिलता है। समर्पित भाव से इसे खेलो और जो भी कर रहे हो उसका आनंद लो। भले ही वह खेल में न हो लेकिन आपके लिए कहीं न कहीं मौका रहता है।’ गेल ने कहा, ‘इसलिए अगर एक चीज नहीं चल रही है तो हमेशा याद रखो कि आपके लिए वहां दूसरा मौका भी है। इसलिए अगर क्रिकेटर रहते हुए सफल नहीं होते तो दिल मत तोड़ो।’ (भाषा)