मुंबई:पिछले 2 साल से भारतीय खेल प्रेमियों ने एक शब्द खासा सुना है Work Load Management, इसमें सिर्फ क्रिकेटर्स ही नहीं बल्कि हॉकी खिलाड़ियों ने भी अपनाया है लेकिन नजर में सिर्फ क्रिकेटर्स के कारण आया है। विराट कोहली से लेकर हार्दिक पांड्या ने जब मन चाहा तब किसी भी जिम्बाब्वे या वेस्टइंडीज होने वाली सीरीज से अपना नाम वापस ले लिया। साल की पहली तारीख को हुई मीटिंग में इस पर गौर फरमाकर पूर्णविराम लगा दिया गया है।
अब खिलाड़ी अगर वर्क लोड मैनेजमेंट की बात करेगा तो बोर्ड उसको राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी के अध्यक्ष वीवीएस लक्ष्मण और फिर अपनी आईपीएल फ्रैंचाइजी से बात करने को कहेगा कि 3 से 4 मैच वह बाहर बैठना चाहता है। हालांकि इसमें अंतिम फैसला फ्रैंचाइजी का रहेगा। लेकिन चोट को इससे बाहर रखा गया है।
बहरहाल भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने इस साल स्वदेश में होने वाले एकदिवसीय विश्व कप 2023 के लिये 20 खिलाड़ियों को चुना है जिनकी फिटनेस पर शीर्ष टूर्नामेंट से पहले खास ध्यान दिया जायेगा।
क्रिकबज़ ने सूत्रों के हवाले से इसकी जानकारी देते हुए रविवार को बताया कि बोर्ड ने अपनी समीक्षा बैठक में इन खिलाड़ियों को समय-समय पर एकादश में जगह देने का फैसला किया है, ताकि विश्व कप के लिये अच्छी तरह तैयारी की जा सके।
इस बैठक में बीसीसीआई सचिव जय शाह के साथ भारतीय टीम के कोच राहुल द्रविड़, कप्तान रोहित शर्मा, मुख्य चयनकर्ता चेतन शर्मा और राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी (एनसीए) के प्रमुख वीवीएस लक्ष्मण उपस्थित रहे। बीसीसीआई अध्यक्ष रोजर बिन्नी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये बैठक में शामिल हुए।
शाह ने बैठक के बाद जारी बयान में बताया कि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) 2023 के दौरान एनसीए लक्षित खिलाड़ियों की फिटनेस की देखरेख के लिये आईपीएल टीमों के साथ मिलकर काम करेगी।
गौरतलब है कि आईपीएल का आयोजन मार्च से मई 2023 के बीच होना है, जबकि विश्व कप की शुरुआत अक्टूबर में होगी। बीते एक साल में तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह, दीपक चाहर और रवींद्र जडेजा के ज्यादातर समय चोटग्रस्त रहने के कारण भारत को महत्वपूर्ण जगहों पर अनुभवी खिलाड़ियों की कमी महसूस हुई है।
शाह ने बयान में कहा कि यो-यो टेस्ट और डेक्सा स्कैन राष्ट्रीय टीम की चयन प्रक्रिया का हिस्सा होंगे। यो-यो टेस्ट में एक खिलाड़ी को 20 मीटर की दूरी पर रखे गये दो शंकुओं (कोन) के बीच चक्कर लगाना होता है। खिलाड़ी पहली सीटी बजने पर दौड़ना शुरू करता है और उसे दूसरी सीटी बजने से पहले दूसरे छोर पर शंकु तक पहुंचने की जरूरत होती है।
दूसरी ओर, डेक्सा स्कैन खिलाड़ी की हड्डियों की मजबूती मापने का एक तरीका है। इसके जरिये यह सुनिश्चित किया जाता है कि खिलाड़ी मैदान पर उतरने के लिये पूरी तरह फिट है या नहीं।
इस बैठक में यह भी फैसला लिया गया कि उभरते हुए खिलाड़ियों को राष्ट्रीय टीम में चयन के लिये योग्य होने से पहले "पर्याप्त मात्रा में" घरेलू क्रिकेट खेलना होगा। चयनकर्ताओं का मानना है कि इससे खिलाड़ी सभी प्रारूपों के लिये उपलब्ध होंगे और किसी एक प्रारूप को दूसरे पर प्राथमिकता नहीं दी जाएगी।