नई दिल्ली। कप्तान विराट कोहली सहित राष्ट्रीय टीम के कई खिलाड़ियों की लगातार क्रिकेट सीरीज़ कराने को लेकर जाहिर की गई नाराज़गी और असंतोष के बाद भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) नए सिरे से कैलेंडर तैयार करेगा, जिसमें राजस्व के साथ खिलाड़ियों के हितों को लेकर संतुलन बैठाने का प्रयास किया जाएगा।
भारतीय क्रिकेट टीम वर्तमान में श्रीलंका के साथ सीरीज़ खेल रहा है जिसमें तीन टेस्ट और इतने ही वनडे तथा ट्वंटी 20 मैचों की सीरीज़ होनी है। इसके दो-तीन दिन के अंतर पर टीम इंडिया फिर दक्षिण अफ्रीका दौरे पर रवाना होगी, जिससे उसे विदेशी सीरीज़ के लिए तैयारी का कोई समय ही नहीं मिला है।
बुधवार को संपन्न हुई श्रीलंका टेस्ट सीरीज़ के दौरान भी पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी और कप्तान विराट ने बोर्ड के एक के बाद एक सीरीज़ का कार्यक्रम तैयार करने और उससे खिलाड़ियों पर पड़ने वाले असर को लेकर असंतोष जाहिर किया था। ऐसे में साफ है कि कप्तान की नाराज़गी को गंभीरता से लेते हुए बीसीसीआई अब अपने कार्यक्रम में बदलाव को तैयार है।
सिंगापुर में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) की सात और आठ दिसंबर को होने वाली सदस्यों की कार्यशाला में वर्ष 2019 से 2023 के बीच नए फ्यूचर टूर प्रोग्राम (एफटीपी) पर निर्णय लिया जाएगा। भारतीय टीम का वर्ष 2016-17 सितंबर में घरेलू सत्र शुरुआत हुआ था और तब से टीम इंडिया ने सभी प्रारूपों में कुल 60 अंतरराष्ट्रीय मैच खेले हैं।
बीसीसीआई का संचालन कर रही सर्वोच्च अदालत द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (सीओए) ने भी खिलाड़ियों के कार्यभार को लेकर संतुलन बैठाने का समर्थन किया है। बीसीसीआई अधिकारी ने क्रिकइंफो से कहा, पिछले डेढ़ वर्षों में टीम इंडिया ने अधिकतर मैच घरेलू जमीन पर खेले हैं। लेकिन अगले 18 महीने में हम अधिकतर विदेश में खेलेंगे। लेकिन नए एफटीपी में हमने सालाना घरेलू और विदेशी सीरीज़ के बीच में संतुलन बनाया है। इसके अलावा टेस्ट और सीमित प्रारूप में लंबे दौरे नहीं होंगे।
नए एफटीपी के अनुसार, वर्ष 2019 और 2020 में टेस्ट और वनडे लीग चैंपियनशिप कराई जाएंगी। टेस्ट लीग में हर देश दो वर्षों की अवधि में छह टीमों के साथ घरेलू और विदेशी जमीन पर मैच खेलेगा। यह टेस्ट लीग 2019 विश्वकप के तुरंत बाद शुरू हो जाएगी।
बोर्ड अधिकारी ने भरोसा जताया कि नए एफटीपी को लेकर काम चल रहा है और इसे जल्द ही सहमति दे दी जाएगी। उन्होंने बताया कि भारतीय बोर्ड इस नए कार्यक्रम के अहम बिंदुओं पर अन्य पूर्णकालिक सदस्यों के साथ बात कर रहा है। नवंबर में आईसीसी के महाप्रबंधक ज्यॉफ एलारडाइस से भी बीसीसीआई की इस विषय पर बात हुई थी, जो नए कैलेंडर को लेकर काम कर रहे हैं।
इस वर्ष की शुरुआत में बीसीसीआई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी राहुल जौहरी ने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया क्रिकेट बोर्ड के समकक्षों टॉम हैरिसन और जेम्स सदरलैंड से अक्टूबर में ऑकलैंड बैठक से पहले इस इस विषय पर बात की थी। आईसीसी की इस बैठक में ही टेस्ट और वनडे लीगों को हरी झंडी दी गई थी।
बीसीसीआई अधिकारी ने कहा, नया एफटीपी बीसीसीआई का दस्तावेज है। बोर्ड ने आईसीसी के सामने यह बात रख दी है कि वह कैसे खेलना चाहता है और अब बाकी सदस्यों को फैसला करना है कि वह किस तरह से इस पर आगे बढ़ सकते हैं। उन्होंने बताया कि भारतीय टीम ऑस्ट्रेलिया, इंग्लैंड और दक्षिण अफ्रीका के साथ ही तीन से पांच मैचों की टेस्ट सीरीज़ खेलेगा, जबकि बाकी टीमों के साथ वह दो टेस्टों से अधिक नहीं खेल सकता है।
उन्होंने कहा, हमें नए एफटीपी के अनुसार, दो वर्षों में छह देशों के साथ घरेलू या विदेशी स्तर पर टेस्ट सीरीज़ खेलनी है। ऐसे में हमने इस बात का फायदा लिया है कि हम यहां सीरीज़ में संतुलन बैठा सकते हैं। भारतीय टीम ने इस सत्र में अपने सर्वाधिक मैच घरेलू जमीन पर खेले हैं और बीसीसीआई को प्रसारणकर्ता तथा प्रायोजकों से इस दौरान काफी राजस्व मिला है, लेकिन 2018 सत्र में टीम को विदेश में अधिक खेलना है, जिससे उसके राजस्व पर असर हो सकता है।
भारतीय टीम 2018 में जनवरी से दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के दौरों पर जाएगी। उन्होंने कहा, हमने बड़ी टीमों के साथ अधिक खेला है और इसका मीडिया अधिकारों पर सकारात्मक असर हुआ है, लेकिन अगले सत्र में भी विदेशी जमीन पर खेलने से बहुत असर नहीं होगा। इससे खिलाड़ियों की समस्याएं भी सुलझाई जा सकेंगीं।
भारतीय बोर्ड के लिए हालांकि घरेलू सत्र को लेकर भी काफी मुश्किल है। उसे अक्टूबर से नवंबर के विंडो में घरेलू सीरीज़ खेलनी है, जबकि इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) से पहले फरवरी-मार्च में भी सीरीज़ खेलनी है, लेकिन बोर्ड आईसीसी को यह साफ कर चुका है कि उसके खिलाड़ी आईपीएल से करीब 15 दिन पहले तक कोई अंतरराष्ट्रीय सीरीज़ नहीं खेलेंगे।
बीसीसीआई के अनुसार, उसने 2019 से 2023 के बीच अपने कार्यक्रम को लेकर तैयार प्रस्तावित एफटीपी राज्य संघों को भेज दिया है। इस प्रस्ताव को 11 दिसंबर को होने वाली विशेष आम बैठक में भी पेश किया जाएगा। कैलेंडर के अनुसार, भारत को 2019-20 में 84 अंतरराष्ट्रीय मैच खेलने हैं।
वर्ष 2020-21 में उसे 68, 2021-22 में 77 और 2022-23 में 47 मैच खेलने हैं। इसमें केवल टेस्ट और वनडे लीग के मैच शामिल हैं, जबकि किसी द्विपक्षीय सीरीज़ को एफटीपी के अन्यत्र शामिल किया जाएगा। इसमें आईसीसी और एशियन क्रिकेट परिषद के टूर्नामेंट शामिल नहीं हैं।
सीओए के अध्यक्ष विनोद राय ने बताया कि कप्तान विराट और बाकी खिलाड़ियों को भी इस नए कार्यक्रम की जानकारी दी गई है। पिछले कुछ महीने में राय और जौहरी ने कप्तान विराट, धोनी और भारतीय कोच रवि शास्त्री के साथ भी इस बारे में चर्चा की है। उन्होंने कहा, हमने खिलाड़ियों को इस बारे में प्रेजेंटेशन दी है और विराट सहित अन्य खिलाड़ियों ने इस पर अपनी सहमति दी है।
राय ने बताया कि खिलाड़ी लंबे दौरों में बदलाव चाहते हैं तथा खासकर टेस्ट सीरीज़ के बाद एक सीमित ओवर मैच नहीं कराने की भी अपील की है। सीओए अध्यक्ष ने साथ ही कहा कि खिलाड़ी चाहते हैं कि टेस्ट सीरीज़ से पूर्व ट्वंटी 20 सीरीज़ खेली जाए। (वार्ता)