नई दिल्ली। भारतीय टीम के कप्तान विराट कोहली ने खुद को सामाजिक सरोकार से जुड़ा युवा आइकन की पहचान बनाने के लिए शीतल पेय पदार्थ पेप्सी और गोरा बनाने वाली एक उत्पाद के प्रचार से मना कर दिया। विराट के मुताबिक ये उत्पाद जंक फूड और नस्लवाद को बढ़ावा देते हैं।
मौजूदा टीम के सबसे बड़े सितारों में से एक इस 28 वर्षीय खिलाड़ी ने फैसला किया है कि वे सिर्फ उन्हीं उत्पादों का प्रचार करेंगे जिससे वे खुद को जोड़ सकें जिसका इस्तेमाल वे खुद कर सकें।
विराट के साथ काम कर चुके एक शख्स ने शनिवार को कहा कि विराट के इस फैसले का सबसे बड़ा असर पेप्सी पर पड़ेगा जिसका प्रचार वे 2011 से कर रहे थे। पेप्सी के साथ विराट का करार इस साल अप्रैल में खत्म हुआ जिसके बाद विराट ने कहा था कि वे लोगों से ऐसे उत्पाद का सेवन करने के लिए नहीं कह सकते, जो वे खुद नहीं लेते हैं।
कोहली के विज्ञापनों की प्रबंध करने वाली कॉर्नरस्टोन ने इस मुद्दे पर कुछ कहने से मना कर दिया लेकिन भारतीय कप्तान के साथ करीब से काम करने वाले ने बताया कि कोहली अपने सामाजिक सरोकार को लेकर ज्यादा सहज हो गए हैं। (भाषा)