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उद्योग जगत के लिए खुद को बदलने और निवेश करने का वक्त

उद्योग जगत के लिए खुद को बदलने और निवेश करने का वक्त
, सोमवार, 8 जून 2020 (16:41 IST)
नई दिल्ली। उद्योग संघ सीआईआई के नवनिर्वाचित अध्यक्ष उदय कोटक ने कहा कि समाज एक निर्णायक मोड़ से गुजर रहा है और भारतीय उद्योग जगत के लिए यह खुद को बदलने तथा सकारात्मक नजरिए के साथ निवेश करने का समय है, ताकि आत्मनिर्भर भारत का निर्माण किया जा सके।
 
उन्होंने कहा कि भारतीय उद्योग जगत को कोविड-19 संकट से पैदा हुए अवसरों का फायदा उठाना चाहिए और कम कर्ज वाले उद्यमियों को नए रणनीतिक क्षेत्रों में निवेश के नए तथा साहसिक फैसले लेने से हिचकना नहीं चाहिए।
 
उदय कोटक, निजी क्षेत्र के प्रमुख बैंक कोटक महिंद्रा बैंक के प्रबंध निदेशक ने भी हैं। उन्होंने भारतीय उद्योग जगत को इस चुनौतीपूर्ण समय में टिके रहने के लिए पूंजी बाजार की मदद लेने और और बफर फंड जुटाने की सलाह दी।
 
उन्होंने एक साक्षात्कार में कहा कि कोविड-19 महामारी के साथ हम अब एक ऐसी दुनिया देखेंगे, जहां उल्लेखनीय रूप से समेकन होगा और अधिकांश क्षेत्रों में कम खिलाड़ियों के रह जाने का अनुमान है।
 
कोटक ने कहा कि भारत और भारतीय उद्यमियों के लिए यह वक्त एक सकारात्मक नजरिये को अपनाने का है और साथ ही उन्होंने जोड़ा कि वह प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के आह्वान से बेहद उत्साहित हैं।
 
उन्होंने इस बात को माना कि खराब कॉरपोरेट प्रशासन और अत्यधिक कर्ज के चलते अतीत में भारतीय उद्योगों को नुकसान हुआ, लेकिन अब निवेश के बारे में नए सिरे से फैसले लेने का वक्त है क्योंकि कॉरपोरेट क्षेत्र के कामकाज में अब जो खराब तत्व थे उनकी लगभग सफाई हो चुकी है।
 
उन्होंने कहा कि मेरा मानना ​​है कि आज के समय में कारोबारों और कंपनियों की परिचालन लागत अपेक्षाकृत कम है और जिन पर कर्ज कम है, वे हमारे सामने मौजूद अवसरों का फायदा उठाने के लिए एकदम मुफीद हैं।
 
उन्होंने कहा कि यह समय कुछ बंद पड़ी परिसंपत्तियों को फिर चालू करने और उन पर नए सिरे से ध्यान देने का है और ऐसे में यह निवेश करने का अवसर है, जब दीर्घकालिक ब्याज दरें कम हो रही हैं।
 
आत्मनिर्भर भारत के बारे में उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, पर्यावरण और ग्रामीण बुनियादी ढांचे सहित सामाजिक क्षेत्र में निवेश बढ़ाना बहुत जरूरी है।
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उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य सेवाओं में निवेश को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 1.3 प्रतिशत से बढ़ाकर पांच से 10 प्रतिशत तक करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारतीय उद्यमियों को भविष्य के निवेश को परिभाषित करना और उस दिशा में आगे बढ़ना होगा।
 
उन्होंने कहा कि ऐतिहासिक रूप से हम निवेश को एक संकीर्ण दायरे में माप रहे हैं, जैसे ऑटो क्षमता और इस्पात क्षमता। ये सभी जरूरी हैं, लेकिन अब हमें स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा, प्रकृति और ग्रामीण भारत में निवेश को प्राथमिकता देने की जरूरत है।
कोटक ने जोर देकर कहा कि देश के विकास को बढ़ावा देने के लिए निवेश की आवश्यकता है, जिससे ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनेगा। उन्होंने आगे कहा, ‘‘आत्मनिर्भर भारत का दूसरा भाग महत्वपूर्ण है, जो आत्मनिर्भर तथा प्रतिस्पर्धी बनने और दुनिया के साथ जुड़ने से संबंधित है। इसलिए मुझे आत्मनिर्भरता और प्रतिस्पर्धा के बीच कोई विरोधाभास नहीं दिखता, हमें दोनों पर ध्यान देना चाहिए।
 
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का निहित संदेश भी यही है और हमारे लिए इस रास्ते पर चलना जरूरी है क्योंकि अपने इतिहास को फिर से परिभाषित करने वाले मौके बहुत कम आते हैं और हम ऐसे ही एक निर्णायक मोड़ पर हैं।

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