डॉलर के मुकाबले भारतीय रुपया लगातार टूटता जा रहा है। सरकार के प्रयासों के बाद भी रुपए का अवमूल्यन जारी है। 1 डॉलर की कीमत 73.5 रुपए के पार निकल गई है।
गुरुवार को डॉलर के मुकाबले रुपया 26 पैसे की कमजोरी के साथ 73.60 के स्तर पर खुला है, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है। वहीं खुलने के बाद डॉलर के मुकाबले रुपया 73.70 तक टूट गया।
कुछ ही दिनों में त्योहारों का सीजन शुरू होने वाला है। कमजोर होते रुपए का सीधा असर पेट्रोलियम उत्पादों पर पड़ेगा। खाने-पीने की चीजों और दूसरे जरूरी सामानों के ट्रांसपोर्टेशन के लिए डीजल प्रयोग होता है। ऐसे में डीजल महंगा होते ही इन सारी जरूरी चीजों के दाम बढ़ेंगे। माल ढुलाई का असर आम आदमी से जुड़ी हर वस्तु होता है।
अगर पेट्रोलियम उत्पाद महंगे हुए तो पेट्रोल-डीजल के साथ-साथ साबुन, शैम्पू, पेंट इंडस्ट्री की लागत बढ़ेगी, जिससे ये प्रोडेक्ट भी महंगे हो सकते हैं। सरकार ने व्यापार घाटे और गिरते रुपए को संभालने के लिए एसी, फ्रिज समेत 19 अन्य वस्तुओं पर आयात शुल्क 10 से 15 प्रतिशत तक बढ़ा दिया था। इससे भी इनकी कीमतों में बढ़ोतरी हुई।
जानकारों के मुताबिक ऑटो इंडस्ट्री की लागत बढ़ेगी। इससे वाहनों की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावनाओं से इंकार नहीं किया जा सकता है।