मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) कोविड19 संकट से त्रस्त अर्थव्यवस्था में वित्तीय संसाधनों का प्रवाह बढ़ाने के लिए सरकारी प्रतिभूति खरीद कार्यक्रम (जी-सैप 1.0) के तहत 20 मई को 35,000 करोड़ रुपए की दूसरी खरीद करेगा। उम्मीद है कि इससे कोविड-19 संक्रमण की दूसरी लहर के बीच बांडों पर निवेश के प्रतिफल में स्थिरता बहाल होगी।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार सुबह कहा कि पिछले महीने 25,000 करोड़ रुपए की पहली खरीद को बाजार की जोरदार प्रतिक्रिया मिली थी। इसके साथ ही उन्होंने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से अर्थव्यवस्था के विभिन्न हिस्सों को राहत देने के लिए कई उपायों की घोषणा भी की।
उन्होंने कहा कि आरबीआई 2 सप्ताह में 35,000 करोड़ रुपए की सरकारी प्रतिभूतियों (जी-सेक) की दूसरी खरीद करेगा। बॉन्ड खरीद कार्यक्रम पर स्पष्टता लाने के लिए दास ने जी-सैप 1.0 नामक नए इंस्ट्रुमेंट के तहत पहली तिमाही के दौरान खुले बाजार के परिचालन (ओएमओ) के जरिए 1 लाख करोड़ रुपए की सरकारी प्रतिभूतियों को खरीदने के लक्ष्य की घोषणा की थी।
महंगाई पर उन्होंने कहा कि खाद्य और ईंधन मुद्रास्फीति ने महंगाई को बढ़ा दिया है। उन्होंने कहा कि सामान्य मानसून के पूर्वानुमान से खाद्य मुद्रास्फीति में मदद मिलेगी। आरबीआई गवर्नर ने एक अनिर्धारित घोषणा में कहा कि केंद्रीय बैंक कोविड-19 संक्रमण के मामलों में दोबारा बढ़ोतरी से पैदा हुए हालात की निगरानी करता रहेगा और इससे निपटने के लिए सभी संसाधनों को तैनात करेगा। उन्होंने कहा कि हमें वायरस से लड़ने के लिए अपने संसाधनों का बेहतर इस्तेमाल करना होगा। (भाषा)