नई दिल्ली। देशभर में डिजिटल भुगतान के क्षेत्र में जाना-पहचाना नाम बन चुके पेटीएम के प्रमुख विजय शेखर शर्मा की योजना जापान के बाजार में दबदबा कायम करने की है। उन्हें लगता है कि जापान में छा जाने के बाद वह अमेरिकी बाजार में अपनी पहुंच बढ़ा सकते हैं।
टाई वैश्विक शिखर सम्मेलन से इतर शर्मा ने कहा, 'जापानी बाजार में दबदबा बनाना वाकई अहम है। हमारा मानना है कि यह ऐसा बाजार है जो एक मोड़ पर खड़ा है। यहां की जनता ने कई प्रयोग किए जो कि सभी क्रेडिट या डेबिट कार्ड को लेकर किए गए। हमारा मानना है कि इस बाजार में बेहतर अवसर हैं।'
जुलाई में सॉफ्टबैंक ग्रुप कारपोरेशन ने जापान में डिजिटल भुगतान सेवा 'पेपे' पेश करने की घोषणा की थी। इसे वह याहू जापान कारपोरेशन के साथ संयुक्त उपक्रम बनाकर शुरू करने वाली थी और इसके लिए पेटीएम को सेवा सहयोगी बनाया गया था।
इस सेवा की शुरुआत अक्टूबर में की गई। पेपे में ग्राहकों को अपने खाते से वॉलेट में पैसे रखने की सुविधा मिलती है जिसका उपयोग वह जापान में डिजिटल भुगतान के लिए कर सकते हैं। जापान में अभी भी नकदी भुगतान की परंपरा है।
वर्तमान में जापान में नकदी रहित भुगतान का अनुपात मात्र 20 प्रतिशत है। जापान की सरकार 2025 तक इसे बढ़ाकर 40 प्रतिशत करने की दिशा में काम कर रही है।
शर्मा ने कहा, 'इसकी (सेवा की) शुरुआत काफी अच्छी है, हम इससे अचंभित हैं। यदि हम जापान में सफल होते हैं तो हमारे सामने बड़े देशों का रास्ता खुल जाएगा।' जब बड़े देश से उनका आशय पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह एक ऐसे व्यक्ति हैं जो चाहते हैं वह उन देशों में जाएं जहां लोग भारतीय प्रौद्योगिकी को देखकर कहें 'अरे वाह क्या बात है'।
उन्होंने कहा, 'इसका विस्तार दक्षिण पूर्वी एशियाई देशों में हो सकता है। लेकिन यह उनकी निजी आकांक्षा नहीं है। उनकी निजी आकांक्षा तो अमेरिका को फिर से महान बनाने की है।'
हालांकि, शर्मा ने हाल ही में पेटीएम से जुड़े मामले में गिरफ्तारी के बारे में बोलने से इनकार कर दिया। इसमें तीन लोगों की गिरफ्तारी हुई जिसमें दो पेटीएम के कर्मचारी भी शामिल हैं। इन लोगों को शर्मा से उगाही करने और ब्लैकमेल करने के मामले में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने कहा कि यह मामला अदालत में है इसलिए वह इस पर टिप्पणी नहीं कर सकते। (भाषा)