मुंबई। दीर्घावधि पूंजीगत लाभ के साथ-साथ लाभांश वितरण पर कर लगाए जाने से म्यूचुअल फंड में निवेश थोड़ा प्रभावित होगा। कुछ विशेषज्ञों का यह भी मानना है कि सरकार के इस फैसले से बीमा कंपनियों के यूलिप प्लानों में निवेश बढ़ सकता है।
उल्लेखनीय है कि गुरुवार को पेश बजट के मुताबिक शेयर बाजार उन्मुख म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले निवेशकों को वितरित आय पर 10% कर देना होगा। इसके अलावा शेयर बाजारों से दीर्घावधि में पूंजीगत लाभ (एक लाख रुपए से अधिक) पर भी 10% कर लगाए जाने का प्रस्ताव किया गया है।
म्यूचुअल फंड उद्योग के विशेषज्ञों ने आम बजट 2018-19 में इस मद में कर लगाने के प्रस्ताव पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि इससे म्यूचुअल फंड में निवेश थोड़ा प्रभावित होगा।
महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और प्रबंध निदेशक आशुतोष बिश्नोई ने कहा कि दीर्घावधि पूंजीगत लाभ पर 10% कर से और कुछ नहीं तो म्यूचुअल फंड इक्विटी योजना में निवेश बढ़ाने में थोड़ी समस्या आएगी। बिश्नोई ने कहा कि इस कर से बचने के लिए निवेशकों के बीमा कंपनियों के यूलिप प्लानों की ओर रुख करने की संभावना है।
मॉर्निंगस्टार इंवेस्टमेंट इंडियाज के कौस्तुभ बेलापुरकर ने कहा कि लाभांश वितरण से होने वाली आय पर 10% कर का प्रस्ताव निवेशकों के फंड में निवेश के रुख को प्रभावित कर सकता है, जहां लोग आम तौर पर नियमित लाभांश के लिए ही निवेश करना शुरू करते हैं। (भाषा)