Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

भारतीय विमान कंपनियों को 1.9 अरब डॉलर का घाटा होने का अनुमान

भारतीय विमान कंपनियों को 1.9 अरब डॉलर का घाटा होने का अनुमान
, मंगलवार, 4 सितम्बर 2018 (16:53 IST)
नई दिल्ली। लागत मूल्य में बढ़ोतरी और टिकटों की कीमत में कटौती करने के दबाव में भारतीय विमानन कंपनियों को चालू वित्त वर्ष में करीब 1.9 अरब डॉलर का नुकसान उठाना पड़ सकता है।


विमानन कंपनियों के लिए शोध करने वाली और सलाह सेवा मुहैया करने वाले सेंटर फॉर एशिया फैसिफिक एविएशन (इंडिया) कापा इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, उन्हें डॉलर की तुलना में भारतीय मुद्रा की तेज गिरावट और कच्‍चे तेल की कीमतों में रही तेजी के मद्देनजर विमान कंपनियों को होने वाले घाटे का पूर्वानुमान बढ़ाना पड़ा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि बढ़ती लागत को देखते हुए टिकटों के दाम नहीं बढ़ाए गए हैं। निजी क्षेत्र की विमान कंपनी इंडिगो के अलावा किसी भी अन्य विमानन कंपनी की बैलेंस शीट उतनी मजबूत नहीं कि वह बढ़ती लागत और कम उत्पादन को झेल पाए। क्षमता में तेज विस्तार के कारण विमान कंपनियां अब टिकट की कीमत तय नहीं कर पातीं।

भारत घरेलू विमान क्षेत्र के मामले में दुनिया में सबसे तेजी से उभरता बाजार है, जिसे देखते हुए कंपनियों ने अपने बेड़े में हवाई जहाजों की संख्या बढ़ाने के लिए कई नई एयरबस और बोइंग जेट का ऑर्डर दिया है। गत चार साल में घरेलू यात्रियों की संख्या दोगुनी से भी अधिक बढ़ी है और विमान के करीब 90 फीसदी सीट भरे होते हैं, लेकिन फिर भी विमान सेवा प्रदाता कंपनियों को लाभ में रहने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।

कापा इंडिया का अनुमान है कि सरकारी विमानन कंपनी एयर इंडिया समेत अन्य विमान कंपनियों को अपने बैलेंसशीट में सुधार के लिए तीन अरब डॉलर की अतिरिक्त पूंजी की आवश्यकता होगी। जेट एयरवेज की गत माह की रिपोर्ट के मुताबिक, उसे पिछली तिमाही में 13.23 अरब रुपए का घाटा हुआ। इंडिगो ने भी जुलाई में बताया कि उसे पिछली तिमाही में पिछले तीन साल में सबसे कम लाभ हुआ। ईंधन की कीमत में बढ़ोतरी और विनिमय दर घाटे के कारण उसकी आय 97 फीसदी घट गई। (वार्ता)

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

पाकिस्तान को दी जाने वाली सहायता पर रोक नया निर्णय नहीं : अमेरिका