Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

आर्थिक सुस्ती का अब सोने पर भी असर, ग्राहकों ने बनाई दूरी, 32% घटी मांग

Webdunia
मंगलवार, 5 नवंबर 2019 (14:08 IST)
नई दिल्ली। आर्थिक नरमी और स्थानीय स्तर पर ऊंची कीमतों की वजह से भारत की सोने की मांग पिछले साल के मुकाबले इस साल सितंबर तिमाही में 32 प्रतिशत घटकर 123.9 टन पर आ गई है। विश्व स्वर्ण परिषद ने अपनी रिपोर्ट में यह बात कही।
 
वहीं, सोने का आयात भी 2019 की तीसरी तिमाही में 66 प्रतिशत गिरकर 80.5 टन रह गया। चीन के बाद भारत सोने का दूसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है।
 
परिषद ने मंगलवार को कहा कि आभूषण कारोबारी पहले से आयात किए स्टॉक और पुनर्चक्रण (रीसाइक्लिंग) से अपनी मांग को पूरा कर रहे हैं। इससे आयात में गिरावट आई है। स्थानीय बाजार में, सितंबर में सोने का भाव 39,011 रुपए पर था, जो अब 38,800 रुपए के आसपास है।
 
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2019 के पहले 9 महीने में देश की सोने की कुल मांग गिरकर 496.11 टन रह गई। एक साल पहले जनवरी - सितंबर में यह आंकड़ा 523.9 टन था। 2018 में सोने की कुल मांग 760.4 टन थी।
 
इसी प्रकार, जनवरी - सितंबर 2019 में सोने का कुल आयात भी घटकर 502.9 टन रहा। पिछले वर्ष की इसी अवधि में 587.3 टन सोने का आयात किया गया था। 2018 में भारत ने 755.7 टन सोने का आयात किया था।
 
विश्व स्वर्ण परिषद भारत के प्रबंध निदेशक सोमसुंदरम पीआर ने कहा, 'भारत में सोने की मांग दो वजहों से गिरी है। पहला कारण है सोने की ऊंची कीमतें। दूसरी तिमाही के आखिर से तीसरी तिमाही के अंत में सोने की कीमतों में 20 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई है। भारत और चीन समेत विभिन्न देशों में आई आर्थिक नरमी मांग घटने की दूसरी वजह है। इससे उपभोक्ताओं की धारणा प्रभावित हुई है।'
 
उन्होंने कहा कि 2019 की तीसरी तिमाही में सोने की मांग 32.3 प्रतिशत गिरकर 123.9 टन रह गई। इसमें आभूषणों की कुल मांग का 101.6 टन और 22.3 टन सिक्का/बिस्कुट मांग शामिल है। 2018 की तीसरी तिमाही में सोने की मांग 183.2 टन थी।
 
सोमसुंदरम ने बताया कि ऊंची कीमतों और ग्रामीण मांग के कमजोर रहने से सोने का आयात कम हुआ है। उन्होंने कहा कि जब मांग कम है तो लोग सोने का पुनर्चक्रण कर रहे हैं। देश में पुन : प्रसंस्करण किए जाने वाले सोने की कुल मात्रा पहले नौ महीनों में बढ़कर 90.5 टन हो गई जबकि 2018 के पूरे साल में यह 87 टन था।
 
उन्होंने कहा कि इस परिदृश्य को देखते हुए डब्ल्यूजीसी ने भारत के कुल सोने की मांग के अनुमान को घटाया है। यह 2019 में 700-750 टन के दायरे में रह सकती है। पहले इसके 750-800 टन के दायरे में रहने का अनुमान लगाया था।
 
विश्व स्वर्ण परिषद की रिपोर्ट के मुताबिक, सोने की वैश्विक मांग 2019 की तीसरी तिमाही में बढ़कर 1,107.9 टन पर पहुंच गई है। एक साल पहले की इसी अवधि में मांग 1,079 टन थी। (भाषा) 
 

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

महाराष्ट्र चुनाव : NCP शरद की पहली लिस्ट जारी, अजित पवार के खिलाफ बारामती से भतीजे को टिकट

कबाड़ से केंद्र सरकार बनी मालामाल, 12 लाख फाइलों को बेच कमाए 100 करोड़ रुपए

Yuvraj Singh की कैंसर से जुड़ी संस्था के पोस्टर पर क्यों शुरू हुआ बवाल, संतरा कहे जाने पर छिड़ा विवाद

उमर अब्दुल्ला ने PM मोदी और गृहमंत्री शाह से की मुलाकात, जानिए किन मुद्दों पर हुई चर्चा...

सिख दंगों के आरोपियों को बरी करने के फैसले को चुनौती, HC ने कहा बहुत देर हो गई, अब इजाजत नहीं

सभी देखें

नवीनतम

Maharashtra : पुणे में पानी की टंकी गिरी, 5 श्रमिकों की मौत, 5 अन्य घायल

Cyclone Dana : चक्रवात दाना पर ISRO की नजर, जानिए क्या है अपडेट, कैसी है राज्यों की तैयारियां

भारत के 51वें CJI होंगे जस्टिस संजीव खन्ना, 11 नवंबर को लेंगे शपथ

चीन के साथ समझौते पर क्‍या बोले रक्षामंत्री राजनाथ सिंह

Nvidia और Reliance के बीच हुआ समझौता, भारत में मिलकर बनाएंगे AI इंफ्रास्ट्रक्चर

આગળનો લેખ
Show comments