नई दिल्ली। नोटबंदी के बाद लोगों को नोट और सिक्कों को लेकर कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। कई बैंकें कटे-फटे नोट और सिक्कों को लेने से मना कर देती है। नोटबंदी के बाद बाजार में सिक्कों की संख्या में बेहताशा वृद्धि हो गई थी। पहले जहां सिक्कों की कमी के कारण दुकानदार लोगों को चॉकलेट दे दिया करते थे। नोटबंदी के बाद स्थिति ठीक विपरीत हो गई है। बाजार में सिक्के इतने बढ़ गए हैं कि आम जनजीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
इससे ग्राहकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। अगर आप भी इस तरह की परेशानी का सामना करते हैं तो आपके लिए अच्छी खबर है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंकों को सख्त चेतावनी देते हुए कहा कि बैंक सिक्का लेने से मना नहीं कर सकते हैं। बैंकों द्वारा सिक्के नहीं जमा करने की शिकायत को आरबीआई ने गंभीरता से लिया है।
रिजर्व बैंक ने मास्टर सर्कुलर के साथ बैंकों को पत्र लिखकर सिक्के लेने का आदेश जारी किया है। रिजर्व बैंक ने मास्टर सर्कुलर संलग्न कर बैंकों को चेताया है कि वे सिक्के लेने के लिए बाध्य हैं। ये भी निर्देश दिया गया है कि वे अपने परिसर में यह सूचना चस्पा करें कि उनके यहां सिक्के भी जमा किए जाते हैं।
सभी बैंक और उनकी शाखाएं अपने खाताधारक को आरबीआई की निर्दिष्ट सेवाएं देने को बाध्य हैं। इनमें सभी नए और साफ-सुथरे नोट एवं सिक्के जारी करने, कटे-फटे और गंदे नोट बदलने और किसी भी ट्रांजेक्शन और बदलाव में सिक्कों को स्वीकार करने के लिए बाध्य है। प्रतिदिन प्रति खाताधारक एक हजार रुपए कीमत तक के एक रुपए और उससे अधिक मूल्य वर्ग के सिक्के जमा कर सकता है। 50 पैसे के सिक्के कुल 10 रुपए तक ही जमा होंगे। (एजेंसियां)