Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

बैंक में खाता है तो जानिए क्या हैं नियम...

Webdunia
सोमवार, 29 जनवरी 2018 (12:47 IST)
इंटरनेट बैंकिंग के इस जमाने में आज भी एक बड़ा तबका बैंक की लाइन में लगकर लेन-देन संबंधित काम पूरे करता है। बैंक के चक्कर काटते समय यदि लंच टाइम की वजह से इंतजार करना पड़े तो मुश्किलें और भी बढ़ जाती हैं। कई बार तो लंच टाइम हो जाने की वजह से बैंकों के शटर भी बंद कर दिए जाते हैं, जिससे ग्राहकों को काफी समय तक बाहर इंतजार करना पड़ता है। यदि आपके साथ भी कभी ऐसा हुआ है तो बैंकों में लंच टाइम से जुड़े इस महत्वपूर्ण नियम की जानकारी आपके लिए बेहद जरूरी है। 
 
कुछ समय पहले आरटीआई के तहत बैंकों की कार्यप्रणाली से जुड़े अहम सवालों के जवाब देते हुए रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया ने कई नियमों से जुड़ी जानकारियां स्पष्ट की थी। इन्हीं सवालों का जवाब देते हुए आरबीआई ने लंच टाइम से सम्बंधित नियमों को भी स्पष्ट किया था, जिसकी जानकारी बैंक के सभी उपभोक्ताओं के लिए बेहद फायदेमंद साबित हो सकती है। आइए जानते हैं कि इस बारे में आरबीआई का क्या कहना है। 
 
नियम 1 - बैंकों के लिए तय नहीं है लंच टाइम। 
 
आरबीआई ने आरटीआई के तहत पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए स्पष्ट रूप से कहा कि सरकारी व प्राइवेट बैंकों में लंच के लिए कोई वक्त तय नहीं है। बैंक अधिकारी एक साथ लंच पर न जाकर कामकाज को प्रभावित किए बिना अलग-अलग समय पर भी लंच के लिए जा सकते हैं। हालांकि अधिकतर बैंकों में ऐसा नहीं होता है, बैंक अपने द्वारा तय किए गए समय पर लंच के लिए काम रोककर ग्राहकों की मुसीबत बढ़ाते हैं। 
 
नियम 2 - लंच ब्रेक के दौरान बंद नहीं किए जा सकते बैंक के दरवाजे।
 
अक्सर ऐसा देखा गया है कि लंच के लिए तय समय में कई बैंकों के दरवाजे उपभोक्ताओं के लिए बंद कर उन्हें बाहर इंतजार करने कह दिया जाता है। ऐसे में आम लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस बारे में सवाल का जवाब देते हुए आरबीआई ने स्पष्ट किया कि भोजन अवकाश के दौरान कोई भी बैंक लोगों के लिए अपने दरवाजे बंद नहीं कर सकता है। अगली बार यदि आपको ऐसी किसी स्थिति का सामना करना पड़े तो इस नियम के हवाले से आवाज उठाना न भूलें। 
 
नियम 3 - किसी खास अंक जैसे 1,111 अथवा 2,222 जैसी कीमत की राशि जमा करने से बैंक मना नहीं कर सकता। 
 
आरटीआई याचिकाकर्ता ने अपनी समस्या रखते हुए कहा था कि कुछ बैंक अधिकारी 1,111 या 2,222 की कुल कीमत की राशि जमा करने पर नियमों का हवाला देते हुए लेन-देन से मना कर देते हैं। इस स्थिति को स्पष्ट करते हुए आरबीआई का कहना है कि ऐसी कोई नियमावली नहीं हैं जिसके अंतर्गत किसी को भी 1,111 या 2,222 जैसी कोई भी राशि जमा करने से मना किया जा सके। 
 
नियम 4 - लेन-देन से जुड़ी सभी खिड़कियों में ग्राहकों की सेवा के लिए अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य है। 
 
बैंकों के कामकाज से जुड़ी नियमावली के अनुसार सभी काउंटर या खिड़कियों पर ग्राहकों को सेवा प्रदान करने हेतु किसी न किसी अधिकारी की उपस्थिति अनिवार्य है। यदि किसी काउंटर में ग्राहकों की सेवा के लिए कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं है तो यह नियमों के विरुद्ध है।  अगली बार जब भी आप बैंक जाएं और ऐसी किसी समस्या से आपका सामना हो तो अपने अधिकार न भूलते हुए आवाज जरूर उठाइएगा, शायद आपकी एक आवाज से और भी कई जरूरतमंद लोगों का भला हो जाए।

सम्बंधित जानकारी

जरूर पढ़ें

प्रियंका गांधी ने वायनाड सीट पर तोड़ा भाई राहुल गांधी का रिकॉर्ड, 4.1 लाख मतों के अंतर से जीत

election results : अब उद्धव ठाकरे की राजनीति का क्या होगा, क्या है बड़ी चुनौती

एकनाथ शिंदे ने CM पद के लिए ठोंका दावा, लाडकी बहीण योजना को बताया जीत का मास्टर स्ट्रोक

Sharad Pawar : महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों से राजनीतिक विरासत के अस्तित्व पर सवाल?

UP : दुनिया के सामने उजागर हुआ BJP का हथकंडा, करारी हार के बाद बोले अखिलेश, चुनाव को बनाया भ्रष्टाचार का पर्याय

सभी देखें

नवीनतम

Maharashtra Assembly Election Results 2024 : महाराष्ट्र में हार शरद पवार ने तोड़ी चुप्पी, EVM को लेकर दिया बयान

मस्‍क और रामास्वामी को लेकर सलाहकार ने दी चीन को यह चेतावनी

हेमंत सोरेन होंगे मुख्‍यमंत्री, राज्यपाल ने दिया न्‍योता, 28 नवंबर को लेंगे शपथ

संभल में जामा मस्जिद सर्वे पर बवाल, 3 की मौत, उपद्रवियों ने पुलिस पर चलाई गोली, जानिए क्या है पूरा मामला

दैत्यों के साथ जो होता है, वही हुआ, महाराष्ट्र चुनाव के नतीजों पर बोलीं कंगना रनौत

આગળનો લેખ
Show comments