नई दिल्ली। टाटा समूह के घाटे में चल रहे मोबाइल टेलीफोनी कारोबार का अधिग्रहण भारती एयरटेल लगभग मुफ्त में करेगी। इस सौदे से जहां एयरटेल को स्पेक्ट्रम व ग्राहकों का फायदा होगा, वहीं टाटा समूह इस संकटग्रस्त इकाई को बंद करने की जिम्मेदारी से बचेगा।
इस सौदे को देश के दूरसंचार उद्योग में एकीकरण का एक और मजबूत संकेत माना जा सकता है। भारत दुनिया के सबसे बड़े मोबाइल बाजारों में से एक है। दोनों कंपनियों ने अलग अलग लेकिन समान भाषा वाले वक्तव्यों में इस सौदे की जानकारी दी है। इसके तहत एयरटेल एक नवंबर से 19 दूरसंचार सर्किलों में टाटा टेलीसर्विसेज (टीटीएसएल) व टाटा टेलीसर्विसेज महाराष्ट्र (टीटीएमएल) के चार करोड़ से अधिक ग्राहकों का अधिग्रहण करेगी। यह अधिग्रहण ‘कोई ऋण नहीं-कोई नकदी नहीं’आधार पर किया जाएगा। एयरटेल के लिए बीते पांच साल में यह सातवां अधिग्रहण है।
टीटीएसएल व टीटीएमएल के 19 सर्किलों के कर्मचारी एयरटेल के पास चले जाएंगे। इसके साथ ही उसे 1800, 2100 व 850 मेगाहटर्ज बैंड में 178.5 मेगाहटर्ज अतिरिक्त स्पेक्ट्रम भी मिलेगा। इसके तहत जहां 31,000 करोड़ रुपए का सारा कर्ज टाटा के पास रहेगा वहीं स्पेक्ट्रम के लिए 9000-10000 करोड़ रुपए के विलंबित भुगतान में से लगभग 20 प्रतिशत भी उसके हिस्से में आएगा। बाकी का भुगतान टाटा करेगी।
एयरटेल-टाटा टेलीसर्विज के इस सौदे से भारतीय दूरसंचार क्षेत्र में एकीकरण को और बल मिलने की उम्मीद है। यह क्षेत्र सितंबर, 2016 में मुकेश अंबानी की अगुवाई वाली रिलायंस जियो के बाजार में आने से ही सुदृढ़ीकरण की प्रक्रिया में है। फरवरी में एयरटेल ने सात सर्किलों में टेलीनॉर के परिचालन का खुद में विलय किया था। इसी साल वोडाफोन इंडिया व आइडिया सेल्युलर ने अपने परिचालनों के एकीकरण की घोषणा की। इस सौदे से मिलकर बनने वाली कंपनी के पास 40 करोड़ उपयोक्ता होंगे जबकि एयरटेल-टीटीएसएल के विलय के बाद एयरटेल के कुल ग्राहकों की संख्या 32 करोड़ से अधिक होगी।
टाटा समूह के मुख्य वित्त अधिकारी सौरभ अग्रवाल ने कहा कि उपभोक्ता मोबाइल कारोबार को बंद करने के बजाय हमने यह मार्ग चुना है। उन्होंने कहा कि कारोबार को बंद करने से लागत कहीं अधिक बैठती तथा कर्मचारियों व वेंडरों की छुट्टी करनी पड़ती। उन्होंने कहा कि टाटा के पास टावर कंपनी वायोम में हिस्सेदारी रहेगी। कंपनी अपने उद्यम कारोबार को टाटा कम्युनिकेशंस को तथा फिक्स्ड लाइन व ब्राडबैंड कारोबार टाटा स्काई को स्थानांतरित करने की संभावना टटोलेगी। दोनों कंपनियों के निदेशक मंडल इस बारे में 4 -6 सप्ताह में फैसला करेंगे।
भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील मित्तल ने इस सौदे को भारतीय मोबाइल उद्योग के सुदृढ़ीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण घटनाक्रम करार दिया है। उन्होंने कहा कि अतिरिक्त स्पेक्ट्रम अधिग्रहण से आकर्षक कारोबारी प्रस्थापना बनेगी, वहीं टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन ने कहा है कि यह समझौता टाटा समूह व इसके भागीदारों के लिए श्रेष्ठ व सबसे बेहतर समाधान है। उन्होंने कहा है कि कई विकल्पों पर विचार के बाद एयरटेल के साथ यह समझौता किया गया है। (भाषा)