वृषभ और तुला राशि के स्वामी शुक्र ग्रह मीन में उच्च और कन्या में नीच का होता है। लाल किताब में सप्तम भाव शुक्र का पक्का घर है। सूर्य और चंद्र के साथ या इनकी राशियों में शुक्र बुरा फल देता है। लेकिन यहां नौवें घर में होने या मंदा होने पर क्या सावधानी रखें और क्या करें जानिए।
कैसा होगा जातक : उजाड़ खेत। इसे काली आंधी भी कहा गया है। स्त्री या दौलत में से एक का लाभ। ऐसा व्यक्ति दूसरों की मुसिबत अपने सर ओड़ने वाला होता है। किस्मत उतनी जितनी मेहनत होगी। अभिनय में रुचि। अपनी रोटी के लिए उसे कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी। यदि शुक्र बुध या किसी अशुभ ग्रह के साथ है तो जातक सत्रह साल की उम्र से नशे और किसी रोग का शिकार हो जाएगा। घर में पुरुष सदस्यों, पैसा, धन और संपत्ति की कमी हो जाएगी। हालांकि यदि जातक नियम और परहेज के साथ ही धर्मी बना रहेगा तो किस्मत बदल सकती है। जातक यदि स्त्री है तो लाल चूड़ियां पहनें जिनमें चांदी की धारियां हों अथवा चांदी की चूड़ियां जिन पर लाल रंग की डिजाइनिंग हो।
शुक्र की सावधानियां :
1. सफेद रंग की गाय न पालें।
2. भाई से अच्छे संबंध रखें।
3. किसी भी प्रकार का नशा ना करें।
4. धर्म के पालन में कोई कोताही न बरतें।
5. पूर्वज, पत्नी और संतान का सम्मान करें।
क्या करें :
1. तीर्थ यात्रा के मौके न चूकें।
2. शुक्रवार का व्रत रखें और माता लक्ष्मी की पूजा करें।
3. किसी नीम के पेड़ के नीचे 43 दिनों के लिए चांदी का टुकड़ा दबाएं।
4. घर की नींव में चांदी और शहद दबाएं।
5. लाल और काली गाय को हरा चारा खिलाते रहें।