एक समय था जबकि आपके पास सब कुछ था और अब सब कुछ चला गया। मतलब अब आप दूसरे के सहारे जीवन यापन कर रहे हैं और जिंदगी गरीबी और मजबूरी बनकर रह गई है तो जांचें कि कहीं आपकी कुंडली की इस स्थिति के कारण तो आपकी स्थिति ऐसी नहीं बनी? यदि यह स्थिति है तो निम्नलिखित उपाय करें।
गरीबी और मजबूरी के कारण :
1. हालांकि कई बार ऐसा भी होता है कि आपकी कुंडली के ग्रह सही है परंतु व्यक्ति अपने कर्मों के कारण भी गरीब और मजबूर हो जाता है। अब यदि किसी को शराब पीने और जुआ खेलने की लत लग गई है तो उसका कुछ नहीं कर सकते।
2. लाल किताब के अनुसार शनि, राहु और केतु के मंदे कार्य करने से भी व्यक्ति का जीवन गरीबी और संकट में ही गुजर जाता है।
3. लाल किताब के अनुसार यदि शनि 7वें भाव में है और उसी समय सूर्य, चंद्र या मंगल में से कोई एक या कोई दो या तीनों ही ग्रह तीसरे, पांचवें या सातवें भाव में स्थित हैं तो जातक की जिंदगी बर्बाद ही समझो। यदि कोई पुण्य कार्य किए होंगे तो ही उसकी जिंदगी सही होगी।
अचूक उपाय :
1. सबसे पहले तो अपने कर्म सुधारे और शनि, राहु और केतु के मंदे कार्य न करें।
2. 43 दिन तक गुड़ और गेहूं का दान दें और उसके बाद अगले 3 वर्षों तक गुड़ और गेहूं का रविावार को मंदिर में दान देते रहें।
3. यदि शनि 7वें और चंद्र एवं मंगल तीसरे, पांचवें या सातवें भाव में एकत्रित हों तो 43 दिन तक हलवे में दूध मिलाकर मंदिर में बांटे और अगले तीन वर्षों तक हर मंगलवार को मंदिर में हलवा बांटें।
4. यदि सातवें भाव में शनि विराजमान हैं और चंद्रमा अकेले तीसरे, पांचवें या सातवें भाव में हो तो ऐसी अवस्था में चावल में दूध मिलाकर 43 दिन तक दान करें और इसके बाद अगले 3 वर्षों तक हर सोमवार को मंदिर में दान करें।
5. प्रतिदिन हनुमान चालीसा पढ़ें और मंगलवार एवं शनिवार को उनके मंदिर में जाकर चमेली के तेल का दीपक जलाएं और उन्हें सिंदूर अर्पित करें। तीन वर्ष तक यह क्रम जारी रहना चाहिए।
नोट : 43 दिन में संकट का समाधान होना प्रारंभ होता है और 3 साल में सभी कुछ पहले जैसा हो जाता है, परंतु इसके लिए आप किसी विशेषज्ञ को अपनी कुंडली दिखाकर ही ये उपाय कर सकते हैं।