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आश्चर्य! 6 माह का दिन और 6 माह की रात, 76 दिन निकलता सूर्य और 40 मिनट की ही है रात

आश्चर्य! 6 माह का दिन और 6 माह की रात, 76 दिन निकलता सूर्य और 40 मिनट की ही है रात
, गुरुवार, 21 जनवरी 2021 (14:26 IST)
जब आप रात को सोते हैं और 7 या 8 घंटे बाद सुबह उठते हैं तो आप सूर्य को देखकर कहते हैं कि वाह कितनी अच्छी सुबह है, लेकिन जब आपकी सुबह ही 6 माह बाद होगी तो क्या कहेंगे? जी हां दोस्तों, आज हम जानेंगे उस जगह के बारे में जहां 6 महीने दिन और 6 महीना रात होती है। आश्चर्य तो यह भी है कि कुछ ऐसी जगहें भी हैं जहां मात्र 40 मिनट के लिए ही रात होती है।
 
 
दरअसल, जो देश कर्क रेखा और भूमध्य रेखा के आसपास है वहां पर सिर्फ सर्दी या गर्मी के मौसम ही आते हैं लेकिन जो देश पृथ्वी के ऊपर या नीचे रहते हैं अर्थात नार्थ और साउथ पोल के आसपास हैं वहां पर सूर्य की किरण 6 महीने के लिए आती है और 6 महीने नहीं आती है। इससे वहां पर 6 महीने दिन 6 महीना रात होती है।
 
उत्तरी ध्रुव में 22 मार्च के लगभग सूर्य उदित होता है और 6 माह तक यहां पर दिन रहता है और इसके विपरीत दक्षिणी ध्रुव पर 6 माह तक रात बनी रहती है। फिर 23 सितम्बर आते-आते दक्षिणी ध्रुव सूर्य के समक्ष आ जाता है और यहां 6 महीने तक सूर्य उदित रहता है तो यहां पर 6 माह तक दिन रहता है और इसके विपरीत उत्तरी ध्रुव पर 6 माह रात बनी रहती है।
 
जो भी देश या इनकी सीमाएं उत्तरी या दक्षिणी ध्रुव से लगती है वहां भी अमूमन इतने ही समय दिन और रात रहते हैं। उत्तरी ध्रुव में स्थित देश- कनाडा, ग्रीनलैंड, रूस, आइसलैंड, नोर्वे और स्वीडन है जबकि दक्षिणी ध्रुव में स्थित अंटार्कटिक महाद्वीप है जहां किसी भी प्रकार की आबादी नहीं है।
 
कनाडा के उत्तर-पश्चिम हिस्से में गर्मी के मौसम के दौरान 50 दिनों तक लगातार रात नहीं होती है। वहां पूरे दिन सूरज अपनी रोशनी बिखेरता रहता है। इसी प्रकार आइसलैंड पर मई से लेकर जुलाई के अंत तक रात नहीं होती है। यहां आप रात में भी सूरज की रोशनी का आनंद ले सकते हैं। यहां 10 मई से जुलाई के अंत तक सूरज नहीं डूबता है। इसी तरह अलास्का में भी मई से लेकर जुलाई महीने तक रात नहीं होती है मतबल सूरज नजर आता रहता है। अलास्का अपने खूबसूरत ग्लेशियर के लिए जाना जाता है।
 
इसी प्रकार हजारों झीलों और आइलैंड्स से सजे हुए दुनिया के सबसे खूबसूरत देश फिनलैंड में मई से लेकर जुलाई तक लगभग 73 दिनों तक सूरज अपनी रोशनी बिखेरता रहता है। फिनलैंड में भी तकरीबन ढाई महीने तक रात नहीं होती है। यही कारण है कि यहां गर्मी भी बहुत पड़ती है।
 
और अब हम बात करते हैं स्वीडन की जहां पर लगभग 100 दिनों तक सूर्य अस्त नहीं होता है। क्या आपको आश्चर्य नहीं होता कि किसी देश में 100 दिनों तक सूर्य अस्त ही नहीं होता है? सोचे उस देश के लोग कब सोते और कब उठते होंगे? आश्चर्य तो यह भी है कि वहां पर जब सूर्य ढलता है तो वो भी आधी रात को और फिर सुबह 4:30 बजे तक पुन: निकल भी आता है।
 
लेकिन सबसे आश्चर्य तो तब होता है जब मात्र 40 मिनट की ही जहां पर रात है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि दुनिया में एक ऐसी जगह भी है, जहां रात 12 बजकर 43 मिनट पर सूरज छिपता है और महज 40 मिनट के अंतराल पर फिर से निकल आता है। जी जहां, यह देश है नार्वे। यहां आधी रात को सूरज छिपता है और महज 40 मिनट के बाद रात करीब डेढ़ बजे चिढ़ियों के चहचहाने की आवाज सुनाई देने लगती। यह सिलसिला एक-दो दिन नहीं, बल्कि वर्ष में करीब ढाई महीने तक चलता है। इसलिए इसे 'कंट्री ऑफ मिडनाइट सन' या 'लैंड ऑफ द मिडनाइट सन' भी कहा जाता है।
 
चारों तरफ पहाड़ों से घिरे नार्वे में भी पूरे साल में 76 दिन सूरज नहीं डूबता है। यहां पर भी मई से लेकर जुलाई के महीने तक रात नहीं होती है। परंतु इसके एक शहर हेमरफेस्ट में आधी रात को 12:43 बजे रात का नजारा देखने को मिलता है। फिर रात 1:30 बजे के आसपास दिन होने लगता है। इस जगह पर मात्र 40 मिनट के लिए सूरज डूबता है। 
 
दरअसल, 21 जून और 22 दिसंबर को सूरज की रोशनी धरती के समान भागों में नहीं फैलती है। पृथ्वी 66 डिग्री का एंगल बनाते हुए घूमती है। इसी झुकाव की वजह से दिन और रात के समय में अंतर आता है। नॉर्वे में 40 मिनट की रात 21 जून वाली स्थिति से होती है। इस समय 66 डिग्री उत्तरी अक्षांश से 90 डिग्री उत्तरी अक्षांश तक का धरती का पूरा हिस्सा सूरज की रोशनी में रहता है। इससे सूरज सिर्फ 40 मिनट के लिए ही डूबता है। इस आधी रात का सच देखने के लिए यहां मई से जुलाई के दौरान पर्यटकों की खासी भीड़ रहती है।
 
आर्कटिक घेरे के उत्तर में और अंटार्कटिक घेरे के दक्षिण में पड़ने वाले सभी इलाकों में गर्मियों के मौसम में आधी रात को भी सूरज दिखाई देता है। अगर मौसम साफ हो तो यहां 24 घंटे सूरज नजर आता है। दरअसल ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पृथ्वी अपनी धुरी पर 23.5 डिग्री झुकी हुई घूमती है। इसलिए गर्मियों के मौसम में सूरज डूबता ही नहीं। उत्तरी ध्रुव और दक्षिणी ध्रुव पर तो सूरज वर्ष में एक बार उगता है और एक बार डूबता है। जिसका परिणाम यह होता है कि लगभग छह महीने दिन रहता है और छह महीने रात।

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