Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

मंगल ग्रह के 10 रोचक तथ्य

मंगल ग्रह के 10 रोचक तथ्य

अनिरुद्ध जोशी

हमारे सौर पथ पर परिभ्रमण करने वाले ग्रहों की संख्या भारतीय ज्योतिष के अनुसार मुख्यत: 6 है जिनका धरती पर प्रभाव पड़ता है। ये छह ग्रह है:- सूर्य, बुध, मंगल, शुक्र, ब्रहस्पति और शनि। चंद्रमा धरती का उपग्रह है। इस तरह 7 ग्रह हुए। फिर दक्षिण और उत्तरी ध्रुव के प्रभाव को राहु और केतु कहा गया है जो कि एक प्रकार के छाया ग्रह हैं। इस मान से कुल 9 ग्रह हुए। हालांकि सौर पथ पर यूरेनस, नेपच्यून तथा प्लूटो नामक ग्रह भी होते हैं। भारत में यूरेनस को अरुण, नेपच्चून को वरुण और प्लूटो को यम कहते हैं। आओ जानते हैं कि मंगल ग्रह क्या है।

 
1. मंगल नवग्रहों में से एक है। आकाश मंडल में मंगल का चौथा स्थान है। लाल आभायुक्त दिखाई देने वाला यह ग्रह जब धरती की सीध में आता है तब इसका उदय माना जाता है। उदय के पश्चात 300 दिनों के बाद यह वक्री होकर 60 दिनों तक चलता है। बाद में फिर सामान्य परिक्रमा मार्ग पर आकर 300 दिनों तक चलता है। ऐसी स्थिति में मंगल का अस्त होना कहा गया है।
 
2. सूर्य से मंगल की दूरी लगभग 224000000 किलोमीटर है। पृथ्वी से मंगल की न्यूनतम दूरी 780000 किलोमीटर है। सूर्य से 141500000 मील दूर है। यह ग्रह पृथ्वी के उपरांत पहले पहल पड़ता है। इसका रंग गहरा लाल है।
 
3. मंगल का आकार छोटा है और इसका व्यास लगभग 6860 किलोमीटर है। 687 दिनों में यह सूर्य की एक परिक्रमा पूर्ण करता है। मतलब इसका एक वर्ष 687 दिनों का है। पृथ्वी की अपेक्षा केवल एक दसवां भाग गुरुत्व शक्ति रखता है।
 
4. मंगल के दो उपग्रह (चंद्रमा) हैं:- 'फोबस' और दूसरा 'डोमस' जो मंगल की परिक्रमा करते हैं। जिनमें से एक प्रायः 8 घटे में और दूसरा प्रायः 30 घंटे में मंगल की परिक्रमा पूर्ण करता है। 
 
5. स्कंद पुराण अनुसार मंगल की उत्पत्ति भगवान विष्णु के पसीने की बूँद से धरती द्वारा हुई है। वामन पुराण अनुसार मंगल की उत्पत्ति तब हुई जब भगवान भास्कर धारी भोलेनाथ ने महासुर अंधक का वध किया था। महाभारत अनुसार मंगल का जन्म भगवान कार्तिकेय के शरीर से हुआ था।
अधिक का मानना है कि मंगल पृथ्वी पुत्र है। इसका नाम भौम भी है। अत: इसकी उत्पत्ति पृथ्वी से हुई है।
 
6. यह ग्रह पृथ्‍वी से बहुत छोटा है लेकिन चंद्रमा से दोगुना बड़ा है। 
 
7. इसका दिन हमारे दिन की अपेक्षा प्रायः आध घंटा बड़ा होता है। 
 
8. अनुमान किया जाता है कि इस ग्रह में स्थल और नहरों आदि की बहुत अधिकता है और यहां की जलवायु हमारी पृथ्वी के जलवायु के बहुत कुछ समान है। परंतु यह भी माना जाता है कि यहां का तापमान धरती की अपेक्षा कहीं ज्यादा है।
 
9. मंगल ग्रह में कई ज्वालामुखी के होने की वैज्ञानिक बात करते हैं। वैज्ञानिकों ने मंगल पर एक ऐसे ज्वालामुखी की खोज की है जो दो अरब वर्ष से लगातार सक्रिय है और जो इस ग्रह का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी है जिसकी ऊंचाई 27.3 किलोमीटर है। वैज्ञानिकों ने इसका नाम 'ओलंपस मून' रखा है। पृथ्वी का सबसे ऊंचा ज्वालामुखी अमेरिका के हवाई में स्थित है, जिसका नाम 'मौना की' है जिसकी ऊंचाई 10 किलोमीटर ही है। 
 
10. मानव ने मंगल ग्रह की सतह पर अपने मानवरहित यान उतार दिए हैं जिसके चलते आने वाले कुछ वर्षों में मंगल ग्रह के रहस्यों से पर्दा उठ जाएगा। हाल ही में नासा ने पर्सीवरेंस या पर्सविरन्स रोवर नामक एक अडवांस्ड रोबॉटिक एक्सप्लोरर उतारा है। इससे पहले भी नासा ना पाथ फाइंडर सोजॉर्नर रोवर   4 दिसंबर 1996 में लांच किया था। फिर स्पिरिट रोवर को 2003 में लांच किया था। भारत ने भी अपने मंगलयान मिशन के तहत मंगल के आर्बिट में एक यान भेज चुका है।

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

तृणमूल कांग्रेस का नया चुनावी नारा, बंगाल को अपनी बेटी चाहिए