Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

गुदगुदी : मजाक या प्रताड़ना, जानिए

गुदगुदी : मजाक या प्रताड़ना, जानिए
, सोमवार, 1 दिसंबर 2014 (11:54 IST)
हम अक्सर अपने दोस्तों के साथ या भाई-बहनों के साथ मिलकर आपस में गुदगुदी करते हैं और यह मस्ती करने का एक बहुत पुराना तरीका है, लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि सभी जगहों पर सभी लोग इसे मस्ती के तरीके के रूप में नहीं लेते। क्या आप मान सकते हैं कि गुदगुदी एक प्रताड़ित करने का भी तरीका है।

दगुदी प्रताड़ना यानी टिंकलिंग टार्चर में गुदगुदी का उपयोग किसी के साथ दुर्व्यवहार, हावी होने के प्रयास, अपमान करने की इच्छा या फिर शरारत करने का मन शामिल है। गुदगुदी प्रताड़ना पीड़ित की सहमति से भी हो सकती है और हो सकता है कि इसमें पीड़ित की मर्जी शामिल न हो। सहमति से की जाने वाली गुदगुदी में कुछ रोमांटिक या अन्य तरह का प्यार गुदगुदी करने की इच्छा पैदा करता है जबकि असहमति से की जाने वाली गुदगुदी नुकसान न पहुंचाने के उद्देश्य से लेकिन अपनी बात मनवाने के लिए की जाती है।

चायनीज टिकल टार्चर प्राचीन चाइना में प्रताड़ित करने का एक तरीका था। खासतौर पर हेन राजतंत्र के राजाओं के दरबार में। चायनीज टिकल टार्चर समाज में खास ओहदा रखने वाले लोगों को दी जाने वाली एक प्रकार की सजा थी, क्योंकि इससे पीड़ित को कष्ट बहुत कम देर तक होता था।

टिकल टार्चर का एक अन्य उदाहरण प्राचीन रोम में मिलता है जिसमें किसी इंसान के पैरों को नमक
के पानी में डुबाकर उन्हें एक बकरी के द्वारा साफ कराया जाता था, जो शुरुआत में गुदगुदी का एहसास देता था लेकिन बाद में बहुत दर्दनाक हो जाता था।
 

Share this Story:

Follow Webdunia gujarati