मनुष्य के बाद सबसे चतुर प्राणी 'चिंपैंजी' को माना जाता है।
इसकी शक्ल भी मनुष्य से मिलती-जुलती है।
चिंपैंजी शब्द मूल रूप से अफ्रीकी भाषा का है।
उसी की देखादेखी यह सभी भाषाओं में प्रचलित हो गया।
कहा जाता है कि एक अफ्रीकी व्यक्ति ने दो वनमानुष पाले थे जिनके नाम उसने चिम और पैंजी रखे थे।
वह इनको बुलाते समय संयुक्त रूप से 'चिंपैंजी' पुकारता था। इसी कारण इस जाति के वनमानुष का नाम 'चिंपैंजी' पड़ गया।
यह अफ्रीका का जंगली प्राणी है।
इसके शरीर पर काले घने, मोटे बाल होते हैं।