सीख रहा था पाठ।
तभी वहां पर मक्खी आकर,
बोली बात सपाट।
खून चूसने वालों को क्या,
है पढ़ने का काम।
सदा रहेगा पढ़ लिख कर भी,
भैया तू बदनाम।
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