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मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
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बाल कविता: हंसना बहुत जरूरी है

बाल कविता: हंसना बहुत जरूरी है
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प्रभुदयाल श्रीवास्तव

poem in hindi 
 
रोने में कुछ नहीं फायदा,
हंसना बहुत जरूरी है।
लोग क्यों नहीं हंस पाते हैं,
ऐसी क्या मजबूरी है।
 
हंसने से, मुस्काने से क्यों,
बना रखी यह दूरी है।
हंसने की आजादी सबको,
ईश्वर ने दी पूरी है।
 
देखा है कल्लू काका को,
कई दिनों से हंसे नहीं।
मुस्कानों के शहर कभी,
उनके होंठों पर बसे नहीं।
खुशियों से तोड़ा है नाता,
बनी बहुत ही दूरी है।
 
बीते का दुख, कल की चिंता,
इसका रोना गाना क्या। 
तकलीफों का बैंड बजाकर,
दुनिया को दिखलाना क्या।
नहीं आज में क्यों जी पाते,
ऐसी क्या मज़बूरी है।
 
मस्ती हल्ला धूम धड़ाका,
जीने का आधार यही।
खुश रहकर खुद खुशी बांटना,
बात बड़ों ने यही कही।
खुशी नहीं है अगर पास में,
जीवन साध अधूरी है।

(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)

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