Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

बाल गीत: क्यों न शामिल कर लें

प्रभुदयाल श्रीवास्तव
ठंड में चिरैया उड़कर आई,
घुस गई घरों दुकानों में।
मफलर ओढ़ो स्वेटर पहनो,
बोली सबके कानों में।
 
मुझसे बोली दादाजी को,
गरम कोट सिलवा देना।
फटी जुराबें चप्पल उनकी,
आज नई मंगवा देना।
नए कांच भी लगवाना हैं,
खिड़की रोशन-दानों में।
 
दादीजी की हुई रजाई,
देखो बहुत पुरानी है।
घुसकर हवा बड़े छिद्रों से,
करती अब शैतानी है।
बूढ़ी दादी तो शामिल बस,
कुछ दिन की मेहमानों में।
 
घर का बूढ़ा नौकर श्यामू,
रोज कांपता थर-थर-थर।
उसे दिला क्यों न देते हो,
स्वेटर एक नया लाकर।
सुख देकर सुख पाओ लिखा है,
वेदों और पुराणों में।
 
बड़े बुजुर्ग बरगदों जैसे,
हमको छाया देते हैं।
अपने भीतर देखें, उनकी,
कितनी सुध हम लेते हैं।
क्यों न शामिल कर लें उनको,
हम अपने भगवानों में।

(वेबदुनिया पर दिए किसी भी कंटेट के प्रकाशन के लिए लेखक/वेबदुनिया की अनुमति/स्वीकृति आवश्यक है, इसके बिना रचनाओं/लेखों का उपयोग वर्जित है...)

सम्बंधित जानकारी

सभी देखें

जरुर पढ़ें

इस Festive Season, इन DIY Ubtans के साथ घर पर आसानी से बनाएं अपनी स्किन को खूबसूरत

दिवाली पर कम मेहनत में चमकाएं काले पड़ चुके तांबे के बर्तन, आजमाएं ये 5 आसान ट्रिक्स

दिवाली पर खिड़की-दरवाजों को चमकाकर नए जैसा बना देंगे ये जबरदस्त Cleaning Hacks

जानिए सोने में निवेश के क्या हैं फायदे, दिवाली पर अच्छे इन्वेस्टमेंट के साथ और भी हैं कारण

दीपावली की तैयारियों के साथ घर और ऑफिस भी होगा आसानी से मैनेज, अपनाएं ये हेक्स

सभी देखें

नवीनतम

दीपावली पर कैसे पाएं परफेक्ट हेयरस्टाइल? जानें आसान और स्टाइलिश हेयर टिप्स

Diwali Skincare : त्योहार के दौरान कैसे रखें अपनी त्वचा का ख्याल

Diwali 2024 : कम समय में खूबसूरत और क्रिएटिव रंगोली बनाने के लिए फॉलो करें ये शानदार हैक्स

धनतेरस पर कैसे पाएं ट्रेडिशनल और स्टाइलिश लुक? जानें महिलाओं के लिए खास फैशन टिप्स

पपीते का ये हिस्सा जिसे बेकार समझकर फेंक देते हैं, फायदे जानकर आज से ही करने लगेंगे स्टोर

આગળનો લેખ
Show comments