होमवर्क करना पड़ता है,
किस बात की होती छुट्टी।
जब देखो तब मम्मी मेरी,
पिलाती डांट की घुट्टी।
घूमने कहीं जाने न देती,
घर पर ही खेलूं कोई खेल।
कहती करो पढ़ाई जम के,
नहीं तो हो जाओगे फेल।
सैर-सपाटा जाने नहीं देती,
बांध के हरदम रखती मुट्ठी।
जब देखो तब मम्मी मेरी,
पिलाती डांट की घुट्टी।
कुछ दिन ही हैं स्कूल खुलेंगे,
फिर समय न जल्दी आएगा।
समझ मजबूरी अपनी पप्पू,
नित्य विद्यालय जाएगा।
लिखी कॉपियां मुरझाएंगी,
बन जाएगी जल्द ही रद्दी।
जब देखो तब मम्मी मेरी,
पिलाती डांट की घुट्टी।