Webdunia - Bharat's app for daily news and videos

Install App

मजेदार कविता : गणेशजी के वाहन हैं यह

कृष्ण वल्लभ पौराणिक
सरपट-सरपट
दौड़ लगाते
चूहे निकले
बिल के बाहर ...1
चूं चूं करते
शोर मचाते
दुम लहराते
सटक सटककर ...2
 
ऊपर जाते
नीचे आते
धूम मचाते
बिस्तर ऊपर ...3
 
तकिया खाते
गादी पर भी
दांत चलाते
कुतर-कुतरकर ...4
 
डिब्बों भीतर
वे घुस जाते
जो भी होता
खाते जमकर ...5
 
कभी गिराते
बर्तन भांडे
जमे हुओं को
उछल कूदकर ...6
 
अर्द्धरात्रि में
खेल खेलते
सोते लोगों
के भी ऊपर ...7
 
कभी काटते
उंगली को भी
कहीं खुली हो
उसे चाटकर ...8
 
गणेशजी के
वाहन हैं ये
लड्डू खाते
चुरा-चुराकर ...9
धरती पोली
कर देते हैं
अपने बिल को
बना-बनाकर ...10
 
बिल्ली आती है
दबे पांव से
वे छुप जाते
बिल के अंदर ...11
 
कभी पकड़ में
आया कोई
बिल्ली खाती
उसे मारकर ...12
 
पर्यावरण
प्रदूषित करते
यहां-वहां ये
दौड़-भागकर ...13
 
कभी प्लेग के
वाहक बनते
चूहे अपनी
जाति बढ़ाकर ...14
 
बिल्ली इनके
लिए काल है
चूहे खातिर
रखो पालकर ...15
सभी देखें

जरुर पढ़ें

दीपावली पर 10 लाइन कैसे लिखें? Essay on Diwali in Hindi

फेस्टिव दीपावली साड़ी लुक : इस दिवाली कैसे पाएं एथनिक और एलिगेंट लुक

दीपावली पर बनाएं ये 5 खास मिठाइयां

धनतेरस पर कैसे पाएं ट्रेडिशनल और स्टाइलिश लुक? जानें महिलाओं के लिए खास फैशन टिप्स

दिवाली पर खिड़की-दरवाजों को चमकाकर नए जैसा बना देंगे ये जबरदस्त Cleaning Hacks

सभी देखें

नवीनतम

लाओस, जहां सनातन हिन्दू धर्म मुख्‍य धर्म था, आज भी होती है शिवभक्ति

दिवाली कविता : दीपों से दीप जले

दीपावली पर कविता: दीप जलें उनके मन में

भाई दूज पर हिन्दी निबंध l 5 Line Essay On Bhai Dooj

Healthcare Tips : दीपावली के दौरान अस्थमा मरीज कैसे रखें अपने स्वास्थ्य का ध्यान

આગળનો લેખ
Show comments