Select Your Language

Notifications

webdunia
webdunia
webdunia
मंगलवार, 15 अक्टूबर 2024
webdunia

दीपावली पर कविता : स्वच्छता का उपहार दिवाली

दीपावली पर कविता : स्वच्छता का उपहार दिवाली
दिवाली खुशियों की लाती बहार है।
लक्ष्मी की पूजा को हम सब तैयार हैं।।
 
फेंक दो वे सब चीजें हुईं जो बेकार हैं। 
नई-नई चीजों से घर का श्रृंगार है।।
 
दीपों से दीप जले फैली चमकार है।
फुलझड़ी पटाखे हैं चकरी-अनार हैं।।
 
ध्यान रखें उनका भी लोग जो बीमार हैं।
कष्ट देता शोर और धुआं धक्कार है।।
 
स्वच्छता दीपावली का सबको उपहार है।
रक्षा करना इसकी अपना संस्कार है।।
 
- पंकज डेहरिया

ALSO READ: दीपावली कविता: अंधियारे में एक दीया जलें


Share this Story:

Follow Webdunia gujarati

આગળનો લેખ

भाई दूज पर हिन्दी में निबंध